tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post191522827645036819..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: सभ्यता का क्रूर मुखौटा बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-20327198262122727442015-05-21T09:57:17.446+05:302015-05-21T09:57:17.446+05:30सवाल जस का तस खड़ा है -कौन हल करेगा ?
आँचल में दूध...सवाल जस का तस खड़ा है -कौन हल करेगा ?<br />आँचल में दूध के साथ आँखों से बहती कातरता नहीं ,प्रखर दृष्टि की चुनौती के दर्शन करने लगेगा जब कवि , स्थिति तब बदलेगी!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-37480853220908886632015-05-20T20:48:39.579+05:302015-05-20T20:48:39.579+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21-05-2015 को चर्चा मंच ...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21-05-2015 को चर्चा मंच पर <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2015/05/1982.html" rel="nofollow"> चर्चा - 1982 </a> में दिया जाएगा <br />धन्यवाद <br />दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-30522632447623281312015-05-20T11:14:17.083+05:302015-05-20T11:14:17.083+05:30बहुत बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभ...बहुत बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-8984409334991920402015-05-19T14:44:38.867+05:302015-05-19T14:44:38.867+05:30दर्द क यह पर्वत कभी नहीं पिघलेगा कौशल जी.....संवेद...दर्द क यह पर्वत कभी नहीं पिघलेगा कौशल जी.....संवेदनाएँ जो शून्य हो गईं हैं......वो ताप ही कहाँ है जो पिघला सके इसे....मालिनी गौतमhttps://www.blogger.com/profile/13479031445513404304noreply@blogger.com