tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post2791732936391781074..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: बहुत हुआ, अब हम जीना चाहते हैं....बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-7776153880515057452013-05-09T21:43:24.707+05:302013-05-09T21:43:24.707+05:30इस उत्साहवर्धन के लिये बहुत-बहुत आभार आपका सलिल भइ...इस उत्साहवर्धन के लिये बहुत-बहुत आभार आपका सलिल भइया जी! यह विषय वास्तव में अघोषित रूप से अस्पृष्य बन चुका है। किंतु कैंसर की उपेक्षा करने से उसकी चिकित्सा के सारे द्वार बन्द हो जाते हैं। माओवादी/ नक्सली यदि देश की सुरक्षा के लिये खतरा हैं तो उसका सृजनात्मक समाधान खोजा जाना चाहिये। यह माओवाद निर्धन और अशिक्षित क्षेत्रों में ही क्यों है? यह चिंता और चिंतन का विषय है। आदिवासी बस्तर में माओवादियों के हाथ का हथियार बना दिया गया है। बलात बना हुआ माओवादी, अज्ञानता के कारण बना माओवादी, उनसे हमारी दूरी के कारण बना हुआ माओवादी, परिस्थिति विशेष के कारण बना हुआ माओवादी ... अब मुक्ति चाहता है। वे जीना भर चाहते हैं, अपने परिवार के लिये दो जून के भात का जुगाड़ हो जाय बस...यही उनकी मंजिल रह गयी है। हिंसा की उत्तेजना दीर्घकालीन नहीं हुआ करती (यद्यपि उसका प्रभाव दीर्घकालीन हुआ करता है) वह अहिंसा ही है जो मनुष्य को दीर्घकालीन सुख और शांति दे सकने में समर्थ है। चीन के मंसूबे तोड़ने के लिये आदिवासियों का ईमानदारी से किया गया पुनर्वास ही श्रेष्ठ उपाय है जिसकी दिशा में सोचा तक नहीं जा रहा है। बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-27619648907848873152013-05-07T07:39:10.997+05:302013-05-07T07:39:10.997+05:30डॉक्टर साहब! आपने जिस संजीदगी इस विषय को छुआ है वह...डॉक्टर साहब! आपने जिस संजीदगी इस विषय को छुआ है वह सराहनीय है.. शायद इसका कारण यह है कि आपने स्वयं उस दर्द को महसूस किया है.. नहीं तो यह विषय इतना अस्पृश्य माना जाता है कि लोग कलम से छूने में भी हिचकिचाते हैं!! रचना सोचने पर मजबूर करती है.. साधुवाद!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com