tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post3127338375290359882..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: शक्ति के लिये युद्ध बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-51020417245870906612022-02-26T20:45:30.453+05:302022-02-26T20:45:30.453+05:30पढ़ने के लिये आभार!मन और चिंतन में प्रतिक्रिया होती...पढ़ने के लिये आभार!मन और चिंतन में प्रतिक्रिया होती रहे तो भी राष्ट्र में सत्य की अलख जलती रहेगी । यूँ, अब समय आ गया है कि समान विचारधारा के लोग चिंतन से आगे बढ़कर पारस्परिक संवाद और अभियान की ओर बढ़ें । हम आक्रामक नहीं हैं किंतु अपनी रक्षा और अस्तित्व के लिये हमें अपनी प्रतिक्रिया को स्वर देना होगा । बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-25337422835502802832022-02-24T22:30:06.249+05:302022-02-24T22:30:06.249+05:30आदरणीय डॉक्टर कौशलेंद्रम जी, आपके लेख अक्सर पढ़ती ...आदरणीय डॉक्टर कौशलेंद्रम जी, आपके लेख अक्सर पढ़ती हूं पर समयाभाव के कारण प्रतिक्रिया देना संभव नहीं हो पाता। शक्ति के लिए भी युद्ध और सत्ता के लिए भी युद्ध! तीसरी विडंबना शांति के लिए भी युद्ध! कितना अजीब है न कुछ लोगों की महत्वकांक्षाएं और हठ प्रायः दुनिया में बहुत बड़ी विनाशलीला का कारण बनते हैं। यूक्रेन से अपना स्वार्थ साधने रूस चला। जहां हथियार बिके वहां अमेरिका की चांदी। उसे क्या पड़ी युद्ध बंद करने की। और सनसनी के भूखे मीडिया को बच्चों और निरीह औरतों की क्या पड़ी ! नवाब मलिक मुस्कुराते हैं क्योंकि देशी कहावत - नकटे की नाक कटी सवा हाथ और बढ़ी!<br />राजनीति में बदनामी का जितना बहेगा महत्त्व हैउतना नेकनामी का हरगिज नहीं। उनकी मुस्कान उनके अतिआत्मविश्वास की प्रतीक है। अत्यन्त आभार इस छोटे लेकिन महत्त्वपूर्ण लेख के लिए 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.com