tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post5264848323923604761..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: नहीं अब वक्त है उनका.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-68637228373660637922011-09-19T11:04:40.915+05:302011-09-19T11:04:40.915+05:30@ "सुना है तोड़कर सारी, हदें मरघट में हैं फेक...@ "सुना है तोड़कर सारी, हदें मरघट में हैं फेकी <br />अपनी रोटियाँ जी भर, शवों की आँच पर सेकी ."<br /><br />'सत्यवादी' राजा हरिश्चंद्र को भी पहुंचा दिया था श्मशान में, <br />सत्यम शिवम् सुन्दरम वाले शिव के निवास स्थान में <br />किन्तु यह कलियुग है सतयुग नहीं <br />अब तो सत्यवादी जनता है बैठी वहाँ...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-71069193107181423372011-09-18T20:39:02.970+05:302011-09-18T20:39:02.970+05:30बेहतरीन शायरी ||बेहतरीन शायरी ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-51273434897127243632011-09-18T13:21:11.086+05:302011-09-18T13:21:11.086+05:30हदों को ढूँढते हैं हम, हदें फिर भी नहीं मिलतीं
हद...हदों को ढूँढते हैं हम, हदें फिर भी नहीं मिलतीं <br />हदें उनके इशारों पे, न जाने अब कहाँ रहतीं ।<br /><br />सुना है तोड़कर सारी, हदें मरघट में हैं फेकी <br />अपनी रोटियाँ जी भर, शवों की आँच पर सेकी ।<br /><br />बेहतरीन शायरी का नमूना प्रस्तुत किया है आपने।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-17362856983077025262011-09-07T19:18:17.465+05:302011-09-07T19:18:17.465+05:30दिव्या जी ! गहरी बात पकड़ कर सुर मिलाया है आपने .....दिव्या जी ! गहरी बात पकड़ कर सुर मिलाया है आपने ......इन नयी पंक्तियों के लिए धन्यवाद !बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-23378812276833862782011-09-07T15:20:07.749+05:302011-09-07T15:20:07.749+05:30.
@-हदों को ढूँढते हैं हम, हदें फिर भी नहीं मिलती....<br /><br />@-हदों को ढूँढते हैं हम, हदें फिर भी नहीं मिलतीं .<br />हदें उनके इशारों पे, न जाने अब कहाँ रहतीं <br /><br />-------------<br /><br />जिन्हें अपनी हदें नहीं मालूम ,<br />वो ज़माने की हदें तय करते हैं।<br />रुलाकर अपनी जनता को ,<br />नरक के कर्म वो करते हैं...<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-57895287441527743492011-09-07T14:11:08.615+05:302011-09-07T14:11:08.615+05:30मिश्र जी ! बस्तर में सब ताज़ा ही ताज़ा है बासा कुछ...मिश्र जी ! बस्तर में सब ताज़ा ही ताज़ा है बासा कुछ नहीं मिलता..बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-7712606383562733402011-09-07T08:21:53.063+05:302011-09-07T08:21:53.063+05:30खुदी में डूब कर खुद को, खुदा ही मान बैठे जो
बता औ...खुदी में डूब कर खुद को, खुदा ही मान बैठे जो <br />बता औकात दे उनकी, नहीं अब वक्त है उनका.<br />बस्तर की यह अभिव्यक्ति तो कहीं से भी बासी नहीं है -चिर नवीन ऊर्जा से ओतप्रोत !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-17499581457963695292011-09-05T14:50:28.126+05:302011-09-05T14:50:28.126+05:30बहुत खूब....कौशलेन्द्र जी.......बहुत खूब....कौशलेन्द्र जी.......मालिनी गौतमhttps://www.blogger.com/profile/13479031445513404304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-7814776232080340412011-09-05T14:46:26.210+05:302011-09-05T14:46:26.210+05:30डॉक्टर साहब!
सच तो यही है और सच सबको पता है.. लेकि...डॉक्टर साहब!<br />सच तो यही है और सच सबको पता है.. लेकिन साधो इस मुर्दों के गाँव में कौन जगाने आएगा!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com