tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post6690068681109327797..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: धर्म का आदिम स्वरूप और साम्यवाद – बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-42802002308315097502016-04-18T22:27:50.856+05:302016-04-18T22:27:50.856+05:30वे स्थापित सत्य के विरुद्ध उठकर खड़े हो गये हैं और ...वे स्थापित सत्य के विरुद्ध उठकर खड़े हो गये हैं और हम स्थापित सत्य के पक्ष में अपने विचार रखने में भयभीत हो रहे हैं ... इस डर से कि कहीं हमें नौकरी से न निकाल दिया जाय । विचित्र स्थिति है भारतीय बुद्धिजीवियों की । वे झूठ के पक्ष में खड़े हो सकते हैं किंतु सत्य के पक्ष में खड़े होने में उन्हें भय लगता है । <br />बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-77662561457483104082016-04-18T16:04:21.732+05:302016-04-18T16:04:21.732+05:30जे.एन.यू. की ज्ञानपरम्परा में अध्यापक और छात्र स्थ...जे.एन.यू. की ज्ञानपरम्परा में अध्यापक और छात्र स्थापित सत्य का विरोध करना शिक्षणशैली का अत्यावश्यक अंग मानने लगे हैं । वे ज्ञातसत्य का खण्डन कर अज्ञात सत्य को पाने के लिये अपनी विशिष्ट शिक्षणशैली को आवश्यक मानते हैं । बौद्धिकता का यह उग्र और विद्रोही स्वरूप है जो वर्जनाओं को तोड़ने में विश्वास रखता है और अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये छल, अपमानजनक कटाक्षों, मिथ्या दुष्प्रचारों और क्रूरहिंसा का सहारा लेने में लेश भी संकोच नहीं करता । यह वह वर्ग है जो अपनी फटी झोली का प्रदर्शन कर पूरे विश्व की सहानुभूति अर्जित करता है ताकि अपनी झोली में सोने के पैबन्द लगा सके । अभी तक जो देखा गया है उसके अनुसार इस वर्ग का भी अंतिम लक्ष्य सत्ता और ऐश्वर्योपभोग ही रहा है । भारतीय साम्यवादी नेताओं की जीवनशैली इसका साक्षात प्रमाण है ।<br /><br />बहुत सही।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-25186586350010531442016-04-17T19:41:08.512+05:302016-04-17T19:41:08.512+05:30धन्यवाद ! धन्यवाद ! बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.com