tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post7191817115032629274..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: तुमायी सौं ....बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-57077961017130799612012-02-03T22:19:58.316+05:302012-02-03T22:19:58.316+05:30गोहाटी आइब त ज़रूर सुनाइब .....कब आईं ?गोहाटी आइब त ज़रूर सुनाइब .....कब आईं ?बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-3187620339235255772012-02-03T15:55:28.696+05:302012-02-03T15:55:28.696+05:30जड़ी बूटियों से इलाज करते हैं इसलिए इन पर ज्यादा ध...जड़ी बूटियों से इलाज करते हैं इसलिए इन पर ज्यादा ध्यान रहता है शायद .....:))<br /><br />पर गीत तो कमाल का है ...इसे स्वर मिल जाते तो क्या बात थी ....<br />आप ही गा दीजिये ..............हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-30298488342080590692012-02-02T23:31:34.385+05:302012-02-02T23:31:34.385+05:30आज अपन जंगल में बुचिया के देख के मन परसन्न हो गइल ...आज अपन जंगल में बुचिया के देख के मन परसन्न हो गइल ...लागता के केहू आपन पहुना आइल बा ......नईखे बुझात ....तोर कइसन स्वागत करीं हम .....बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-1272750934938466782012-02-02T21:04:07.238+05:302012-02-02T21:04:07.238+05:30इस जिंदगी से किसी को भी रश्क हो जाये!इस जिंदगी से किसी को भी रश्क हो जाये!Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-44487980484971987732012-02-02T20:56:38.976+05:302012-02-02T20:56:38.976+05:30हम भी चिरोंजी देख कर ही बौरा गए...गीत भी तो ऐसा है...हम भी चिरोंजी देख कर ही बौरा गए...गीत भी तो ऐसा है कि मन झूम झूम उठे!<br />बेहद खूबसूरत...वसंत की तरह ताजगी से भरा हुआ भी।Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-61071111218423377912012-01-30T02:02:28.043+05:302012-01-30T02:02:28.043+05:30मोय इंतज़ार हैगो!मोय इंतज़ार हैगो!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-47591053160502169812012-01-29T16:19:48.106+05:302012-01-29T16:19:48.106+05:30सलिल भैया ! हॉस्पिटल के बाद जिस समय बाकी डॉक्टर पै...सलिल भैया ! हॉस्पिटल के बाद जिस समय बाकी डॉक्टर पैसा कमाने में रात-दिन लगे रहते हैं ..मैं या तो अपने कमरे में कुछ लिखता रहता हूँ या फिर कैमरा लेकर कहीं भी आवारागर्दी करता रहता हूँ.......मुझे मेरी यह ज़िंदगी बहुत पसंद है. जंगल में जाकर अकेले बैठे रहना ....कहीं किसी पहाड़ पर जाकर बैठना ...और कहीं कोई पहाडी नदी (या नाला ही )मिल जाय तो क्या कहना.......पैसे ही कमाता रहूँगा तो ज़िंदगी कब जियूँगा .....<br />सच्ची कहा आपने .....मुझे घास-फूस पसंद है .....शाकाहारी भी हूँ .....बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-62834676185171444922012-01-29T15:55:32.768+05:302012-01-29T15:55:32.768+05:30बस्तर की छटा में ...बनारस की आत्मा में .....ब्रज क...बस्तर की छटा में ...बनारस की आत्मा में .....ब्रज के छंदन को प्रवेश भयो ...जय-जय राधे !बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-74760007621052618772012-01-29T15:48:16.223+05:302012-01-29T15:48:16.223+05:30अनुराग जी ! झुट्ठी ना कहूँ तो चिरोंजी को फूल-पत्ता...अनुराग जी ! झुट्ठी ना कहूँ तो चिरोंजी को फूल-पत्ता पहले कभऊँ ना देखो होएगो तैने. अरे बाबरे ! मैं तो तोय फल भी दिखाय देंगो ......धीरज तो धर....तोय पूरो बस्तर घुमाय देंगो......( वोऊ ..ब्रज में.....)बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-13982586151984650532012-01-29T10:32:51.582+05:302012-01-29T10:32:51.582+05:30डॉक्टर साहब!! कभी कभी तो शक होने लगता है कि आप आदम...डॉक्टर साहब!! कभी कभी तो शक होने लगता है कि आप आदमियों के डॉक्टर हो या घास-फूस के (बकौल हृषिकेश मुखर्जी) यानि प्रकृति के!! क्या छाता बिखेरी है, छंदों में और चित्रों में!! वासंती आनंद!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-14907879073354016662012-01-29T09:47:14.330+05:302012-01-29T09:47:14.330+05:30भयो मगन बेचैन आतिमा
मन मदन भई नाच्यो, देख्यो तारी ...भयो मगन बेचैन आतिमा<br />मन मदन भई नाच्यो, देख्यो तारी पोस्ट निराली<br />तु्म्हारी सौं..तुम्हारी सौं..देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-26543714184312259652012-01-29T01:58:58.408+05:302012-01-29T01:58:58.408+05:30मासानां मार्गशीर्षोSहम् ऋतूनां कुसुमाकरः ...
वसंत...मासानां मार्गशीर्षोSहम् ऋतूनां कुसुमाकरः ... <br />वसंत के स्वागत के लिये चिरोंजी का उत्साह देखने लायक है। एक नज़र देखकर मुझे पत्ते चम्पा जैसे लगे थे। ऋतु के अनुकूल चित्र बड़े अच्छे लगे और वैसी ही सुन्दर कविता।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com