tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post7461139291644829600..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: ये धरती नाराज़ है हमसे बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-89121961944389581322015-04-28T14:03:16.610+05:302015-04-28T14:03:16.610+05:30कामायनी के शब्दचित्र स्मरण हो रहे हैं ।
धरती इसी ...कामायनी के शब्दचित्र स्मरण हो रहे हैं । <br />धरती इसी तरह समायोजन करेगी, अन्धाधुन्ध खनिज उत्खनन और बांधों का कुछ तो दुष्प्रभाव होना ही था । बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-2860260306526180272015-04-27T19:29:33.821+05:302015-04-27T19:29:33.821+05:30शरण्ये,श्री-सहचरी, तुम रेणुमयि परमा परम् हे
महा कर...शरण्ये,श्री-सहचरी, तुम रेणुमयि परमा परम् हे<br />महा करुणा रूपिणी धरिणी तुम्हें शत-कोटि वंदन .<br />तुम कि जब अतिचार पर उद्धत मनुज स्वार्थांध होकर<br />लालसाओं के लिये औचित्य को दे मार ठोकर ,<br /> निराकृत हो, रूप धर प्रतिकार हित बन सर्वनाशी<br />सृष्टि के उस पाप की जड़ को उखाड़, उजाड़ धरतीं !.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com