tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post7748572852611173139..comments2023-10-24T13:31:43.875+05:30Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....: क्या करूँ ! सहन नहीं होता .....बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-29142007071404251672011-06-16T22:47:46.150+05:302011-06-16T22:47:46.150+05:30उम्दा क्षणिकाएं ।उम्दा क्षणिकाएं ।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-83127476775919600052011-06-13T09:53:06.010+05:302011-06-13T09:53:06.010+05:30कौशलेन्द्र जी, अच्छी क्षणिकाएं जो मुझे याद दिला गय...कौशलेन्द्र जी, अच्छी क्षणिकाएं जो मुझे याद दिला गयीं जब १३ वर्ष की आयु में 'ठंडी सड़क' के किनारे बैठ नैनीताल के ठहरे पानी में एक के बाद एक कंकड़ फेंके और उनसे उठती हुई तरंगों को निहारा... केंद्र-बिंदु से लहरे उठ चारों दिशाओं में वृत्ताकार रूप में कुछ दूर तक जा शांत हो जातीं थीं... पत्थर वजनी हो तो लहरें ऊंची उठती थी और उनकी पहुँच भी अधिक होती थी... और, यदि पत्थर चिकना हो और जोर से सतह को छूते हुए फेंका जाता तो वो कुछ दूर तक किसी तथाकथित योगी समान पानी में चलते प्रतीत होता था :)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-50048717002836186712011-06-12T23:25:23.415+05:302011-06-12T23:25:23.415+05:30कटु यथार्थ पर आधारित बेहद धारदार एवं पैनी क्षणिकाय...कटु यथार्थ पर आधारित बेहद धारदार एवं पैनी क्षणिकायें ! हर क्षणिका एक से बढ़ कर एक है ! बधाई एवं शुभकामनायें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-57308786892709334032011-06-12T22:32:13.705+05:302011-06-12T22:32:13.705+05:30क्षण भर में गहरे कटाक्ष कर गए आप....आभार...क्षण भर में गहरे कटाक्ष कर गए आप....आभार...kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-84526470514348372712011-06-12T22:29:43.280+05:302011-06-12T22:29:43.280+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-3288697235116376362011-06-12T22:28:31.207+05:302011-06-12T22:28:31.207+05:30अभिव्यक्ति की शैली बिहारी तुल्य ... संक्षेप
नहीं ह...अभिव्यक्ति की शैली बिहारी तुल्य ... संक्षेप<br />नहीं होता है अकारण विस्तार हृत भाव का. <br />व्यंजक कटाक्षों की मिली हमको दूसरी खेप.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-593433088659352242011-06-12T12:54:47.733+05:302011-06-12T12:54:47.733+05:30गहरे कटाक्ष करती क्षणिकाएँगहरे कटाक्ष करती क्षणिकाएँसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-42278687430707485272011-06-12T09:03:45.629+05:302011-06-12T09:03:45.629+05:30आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
खास चिट्ठे ...आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....<br /><br /><br /><a href="http://tetalaa.nukkadh.com/2011/06/blog-post_12.html" rel="nofollow">खास चिट्ठे .. आपके लिए ...<br /></a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8311087627766487257.post-43020235645132619032011-06-11T16:46:19.845+05:302011-06-11T16:46:19.845+05:30शानदार है सभी क्षणिकाएँ
पहले बाबा की आवभगत
फिर भग...शानदार है सभी क्षणिकाएँ<br /><br />पहले बाबा की आवभगत<br />फिर भगाने की जुगत<br />संग में भक्तों को चपत <br />कितना प्रपंची है यह जगत !सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.com