बस में है ना मोरा मनवा, लागल चइत महिनवा।
चुपके से अइहs, रतिया के अइहs
केहू न जाने सजनवा, लागल चइत महिनवा।।
टेसू भइलs मोर देहिंया, जरि-जरि चइत महिनवा।
जरि-जरि निखरल, देहीं भइलs सोना,
सोना के तsकलन पूरा दुनिया, चइत महिनवा॥
चढ़ल अटरिया भइल चन्दा के अंजोरिया।
बिखरल केसवा तs छाइलs बदरिया
कुहकेला मनवा चइत महिनवा॥
लाल गुलाबी पीयर हरियर, धीरे से डरिहs सजनवा।
रंग दे मनवा पिरितिया के रंग
उड़ल मन सुगना चइत महिनवा॥