शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

धन्यवाद सिंगापुर !

आदरणीय ब्लॉग पाठको ! 
सादर नमस्कार !
विगत कई वर्षों से आप सब हमारे साथ हैं । विश्व के प्रायः सभी देशों के सुधीजन हमारे लेखन के साक्षी रहे हैं । अभी तक उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार भारत और अमेरिका के पाठकों ने हमें अपना सर्वाधिक स्नेह दिया है किंतु पिछले कुछ दिनों से सिंगापुर ने अमेरिका को पीछे कर दिया है । सिंगापुर के पाठकों की संख्या कभी भारत के पाठकों के समान तो कभी उनसे भी अधिक हो जाती है । मैं अभिभूत हूँ और सिंगापुर के सभी पाठकों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ । मैं अमेरिका, फ़्रांस, ज़र्मनी, इज़्रेल, पुर्तगाल, यूक्रेन, कुवैत, ईरान वियेतनाम, नेपाल आदि दुनिया भर के सभी देशों के पाठकों का हृदय से आभारी हूँ और विनम्र अनुरोध करता हूँ कि आप अपनी प्रतिक्रियाओं से भी हमें अवगत करायें । आपकी समालोचनायें हमारे वैचारिक आन्दोलन के लिए आवश्यक हैं ।
एक बार पुनः आप सभी का हृदय से आभार !

सादर
-      कौशल

 

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टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.