Sex sorted semen...
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत बछिया के लिए Sex sorted semen का उत्पादन सितम्बर माह से ऋषिकेश में प्रारम्भ हो चुका है । पूरे देश में इस तरह के दस और उत्पादन केंद्र खोले जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है ।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत बछिया के लिए Sex sorted semen का उत्पादन सितम्बर माह से ऋषिकेश में प्रारम्भ हो चुका है । पूरे देश में इस तरह के दस और उत्पादन केंद्र खोले जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है ।
1970 में विकसित हुयी इस तकनीक से एक्स और वाय
स्पर्म्स को अलग कर एकत्र कर लिया जाता है जिसका उपयोग कृत्रिम गर्भाधान के लिए
होता है ।
आने वाला समय गायों का होगा, बैल केवल स्पर्म उत्पादन केंद्रों में ही मिला
करेंगे यानी खेती किसानी के लिए मशीनों पर निर्भरता बढ़ जायेगी । गोवंश में
लिंगानुपात पर नियंत्रण अब प्रकृति नहीं मनुष्य का होगा । प्रकृति के कार्यों में
इस तरह का हस्तक्षेप कितना उचित है... यह विमर्श का विषय होना चाहिए । हमारी एक
गम्भीर आशंका यह भी है कि कहीं आगे चलकर इस तरह का नियंत्रण मनुष्यों के लिंग निर्धारण
पर भी तो नहीं होने लगेगा ?
Sex sorted semen की परम्परा यदि मनुष्यों में भी
लागू की जाती है तो आने वाला समय क्या कुछ इस तरह का होगा...
1- कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों की बाढ़ आ जायेगी ।
कन्या भ्रूण चाहने वालों की संख्या अत्यल्प होने के कारण मेल स्पर्म्स की डिमाण्ड
बढ़ जायेगी जिससे लोग अपने स्पर्म्स बेचना शुरू कर देंगे । स्पर्म्स की कई
क्वालिटीज़ होंगी, यथा – मज़दूरों वाला, अधिकारियों वाला, व्यापारियों वाला, नेताओं वाला, दबंगों वाला, संगीतकारों
वाला ... आदि आदि ।
2- लिंगानुपात की स्थिति ऐसी होगी कि हर तरफ़ मर्द
ही मर्द दिखायी दिया करेंगे जिससे कुछ ही दशकों बाद लड़कियों की संख्या इतनी कम हो
जायेगी कि लड़कों को कंवारा रहना पड़ जाएगा और बाज़ार में सेक्स डॉल का व्यापार आसमान
छूने लगेगा । ख़ानदान के वारिस के लिए लोगों को अपने-अपने शहर के उन गिने-चुने
“संतान केंद्रों” पर निर्भर रहना पड़ेगा जहाँ से उन्हें एक बच्चा भारी कीमत पर मिल
जाया करेगा । सरकार को ग़रीब-गुरबा लोगों के लिए कोटा सिस्टम लागू करना पड़ेगा ।
3- स्त्रियाँ केवल संतान केंद्रों में ही पायी
जायेंगी, वह भी गिनी-चुनी । स्कूली
बच्चे चित्रों में लड़कियों को देख सकेंगे, ‘ल’ से लड़की, सामने एक लड़की का चित्र होगा ।
4- अख़बारों में इश्तहार छपा करेंगे– “दत्ता संतान
केंद्र में उपलब्ध हैं क्वालिटी मदर्स जिन्हें इनसेमीनेट किया जाता है इज़िप्ट और
ग्रीक वैज्ञानिकों के मेल स्पर्म्स द्वारा । बत्तीस साल पुरानी हमारी कम्पनी
“भारतीय संतान मानक संस्थान” से रज़िस्टर्ड है, शीघ्रता करें रज़िस्ट्रेशन चालू है । विशेष – हमारे केंद्र में दुबई की दो,
सीरिया की तीन, इथियोपिया की तीन, लाहौर की एक, कश्मीर की एक, हिमांचल
की दो और पञ्जाब की चार अनुभवी मदर्स वारिस उत्पादन के लिए उपलब्ध हैं” ।
5- देश भर में उपभोक्ता सेवा न्यायालय खोले
जायेंगे जिनमें मित्तल और बिड़ला जैसे लोग “संतान वाद” लेकर जाया करेंगे... यथा –
बिड़ला का वाद होगा –“हमने लालू संतान केंद्र में दो साल पहले तीन मर्द बच्चों के
लिए सैतालीस करोड़ डॉलर में रज़िस्ट्रेशन करवाया था किंतु पैसों के लालच में लालू
संतानकेंद्र ने रज़िस्ट्रेशन क्रमांक 737, 738 और 739 वाले मर्द बच्चे मित्तलों को पाँच सौ करोड़ डॉलर में बेच दिया”।
6- जन समस्या निवारण शिविरों में लोग शिकायत किया
करेंगे –“मैं घासीराम वल्द बुधराम खसिया, निवासी ग्राम मुल्ला जिला कांकेर अर्ज़ करता हूँ कि मैंने सरकारी कोटे से
मात्र एक मर्द बच्चे के लिए बीस साल पहले पंजीयन करवाया था । मुझे आज तक बच्चा
नहीं मिला जबकि संताराम को ग्राम सरपंच ने पैसे लेकर दो मर्द बच्चे दे दिए हैं ।
मेरे ख़ानदान में एक भी वारिस नहीं है, मैं ग़रीब-गुरबा श्रेणी
में आता हूँ, महोदय जी ! मुझे भी एक मर्द बच्चा दिलवाने की
किरपा करें और सरपंच के ख़िलाफ़ बच्चा घोटाला करने के लिए कार्यवाही करें”।
7- चुनावी घोषणा पत्रों में विभिन्न राजनीतिक दल
कोटे से मिलने वाले मर्द बच्चों की संख्या एक से दो कर देने का वादा करेंगे ।
मंच पर
एक नेता चिल्लायेगा – “भाइयों और बहनों ! पिछले तीन सालों में मेरी सरकार ने
सरकारी कोटे से तीस लाख मर्द बच्चे ग़रीब-गुरबा लोगों में बांटे हैं । अगली
पंचवर्षीय योजना में हम विदेशी मदर्स आयात करके हर परिवार को एक-एक वारिस देने का
वादा करते हैं, बस सरकार हमारी ही बननी चइए । बोलो
बननी चइये कि नई बननी चइये ?” विपक्षी दल का नेता चिल्लायेगा
–“सरकार धोखेवाज है, उसके आँकड़े झूठे हैं । कहाँ हैं तीस लाख
मर्द बच्चे ? हमें तो आपके शहर में सिर्फ़ बूढ़े ही बूढ़े दिखाई
दे रहे हैं । अगली बार यदि मेरी सरकार बनी तो हम अमेठी की नेशनल फ़ैक्ट्री में मर्द
बच्चा उत्पादन बढ़ाकर पूरे देश में मर्द बच्चों की नदियाँ बहा देंगे । बस आप लोग
वोट हमें ही देना” । तीसरे मोर्चे वाला चिल्लाएगा –“ई सब बुड़बक लोग है, झूठ बोलता है । सरकार केवल चायवाला जाति का बच्चा बांट रही है जिनमें से
एक्को बच्चा सेकुलर नहीं है, ई देखिए बिसेसग्ग का रपोट
जिसमें साफ-साफ लिखा है के सरकार द्वारा बांटा गया कुल बच्चा लोग चायवाला है,
न जाने कतना गो बच्चा त किन्नर परजाती बाला बांट दिया है । हमरी
सरकार सत्ता में आयेगी त हम बादा करते हैं के हर परिबार को एक-एक सेकुलर बच्चा
बांटने का बिबस्था करेंगे । हमरी पाट्टी के फेभर में भोट गिराइये, हमरा सरकार बनाइये आ सेकुलर बच्चा पाइए”।
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