“अस्सलाम, नमस्कार, वणक्कम, सतश्री अकाल और गुड-मॉर्निंग” के साथ अपनी बात प्रारम्भ करने वाली पाकिस्तानी टीवी एंकर आरजू काज़मी ने आत्महत्या कर ली । भारतीय दर्शकों के लिये उनका “भेजा फ़्राई” नाम से एक यू-ट्यूब चैनल भी है । गौरव आर्या जैसे भारत के कई राष्ट्रवादियों के साथ आरजू को कई वार्ताओं में देखा जा सकता है जिनमें वे भारत की प्रशंसा के साथ पाकिस्तान की आलोचना करती हुयी दिखायी देती हैं । उन्हें भारत के कई पत्रकारों और बुद्धिजीवियों के साथ वार्ताओं में देखा आ सकता है, आज भेजा फ़्राई की आरजू काज़मी ने भी आत्महत्या कर ली । पाकिस्तान में एक और आरजू काज़मी है, उसने भी आत्महत्या कर ली ।
सोशल मीडिया पर भारत के लोग पाकिस्तान के जिन बुद्धिजीवियों से प्रभावित होते रहे हैं, उनमें से एक आरजू काज़मी भारतीय दर्शकों में बहुत लोकप्रिय हुयी हैं । उनकी साफगोई के लिये आप सबकी तरह मैं भी उनका प्रशंसक रहा हूँ । विभाजन के समय उनके बाबा इलाहाबाद के किसी गाँव से पाकिस्तान चले गये थे । विशेष अवसरों पर उन्हें अपनी दादी या नानी की लाल रंग की एक साड़ी पहने हुये देखा जा सकता है । भारत से अपनी जड़ें जोड़ने वाली आरजू अब नहीं है ।
राजस्थान के अरविंद सहारन न्यूजीलैण्ड में प्रवासी हैं और शांति एवं भारत-पाक सम्बंधों पर काम करते हैं । अरविंद के एक वीडियो को देखने के बाद निश्चित हो गया कि आरजू अब नहीं रहीं । मुझे आश्चर्य से अधिक दुःख हुआ, आरजू काज़मी दो हत्यायें और चार आत्महत्यायें करने की दोषी हैं । घटनाक्रम बताने से पहले मैं स्पष्ट कर दूँ कि डाकू खड्ग सिंह कैसा भी क्यों न रहा हो पर उसने बाबा भारती को निराश नहीं किया । आरजू ने बाबा भारती के विश्वास के साथ-साथ डाकू खड्ग सिंह की भी हत्या कर दी है ।
पाकिस्तान की ही एक और एंकर
हैं अमारा इफ़्तिखार । अरविंद सहारन की बात की पुष्टि के लिये मुझे अमारा इफ़्तिखार
के चैनल पर जाना पड़ा, अरविंद की बात सच निकली ।
कुछ दिन पहले आरजू ने दाउद
इब्राहिम को विष दिये जाने के कारण उसकी मृत्यु की आशंका प्रकट करते हुये बताया था
कि वे अपने सूत्रों से इस समाचार की पुष्टि करने का प्रयास कर रही हैं । अरविंद ने
आरजू के इस समाचार का खण्डन किया और बताया कि आरजू भारतीय दर्शकों को आकृष्ट करने
के लिये इस तरह के झूठे वीडियोज़ बनाती हैं । अरविंद ने यह भी बताया कि आरजू
पाकिस्तानी टीवी पर भारत के विरुद्ध जमकर आग ही नहीं उगलतीं बल्कि अमर्यादित भाषा
का भी प्रयोग करती हैं । वहीं भारतीय दर्शकों के लिए उनके अपने यू-ट्यूब “भेजा
फ्राई” पर उन्हें भारत का पक्ष लेते और पाकिस्तानी शासन की कटु आलोचना करते हुये
देखा जाता है । आरजू ने अभिनंदन के लिए कहा कि “उनका पायलट तो यहाँ से खूब जूते खा
के गया है” । एक अन्य कार्यक्रम में आरजू ने मोदी को “गुजरात का कसाई” सम्बोधित किया
है ।
एक्सपोज़ होने के बाद आरजू ने अरविंद
पर व्यक्तिगत और पारिवारिक आरोप लगाने प्रारम्भ कर दिये, वह भी अमर्यादित भाषा और अपमानजनक शब्दों के साथ । आरजू की भाषा
सुनने के बाद मुझे आश्चर्य से अधिक दुःख हुआ । भेजा-फ़्राई वाली एक हँसमुख लड़की इतनी
उग्र और अमर्यादित हो सकती है!
पाकिस्तानी दर्शकों के लिये भारत
को गरियाने वाली आरजू ने वर्चुअल आत्महत्या कर ली । भारतीय दर्शकों के लिये पाकिस्तान
का मज़ाक बनाने वाली आरजू ने भी आत्महत्या कर ली । बाबा भारती के विश्वास को तोड़ने वाली
आरजू भी मर गयी । डाकू खड्ग सिंह के चरित्र की हत्या करने वाली आरजू भी मर गयी । आरजू
ने मानवीय मूल्यों की भी हत्या कर डाली है ।
पाकिस्तान की अमारा इफ़्तिखार और
भारत की अम्बर ज़ैदी ने भी आरजू के कई मुखौटों पर दुःख व्यक्त किया है । इससे भी बड़े
दुःख की बात यह है कि आरजू ने अरविंद के एक भी आरोप का उत्तर देने के बजाय केवल व्यक्तिगत
आरोपों की बौछार की है ।
आरजू काज़मी ! आज तुम भारत के लाखों
दर्शकों की दृष्टि में मर चुकी हो । तुमने अपने सभी मुखौटों के साथ एक-एक कर कई बार
आत्महत्यायें कर डाली हैं ।
बाबा भारती से अधिक दुःखी तो डाकू
खड्ग सिंह है जिसके चरित्र की आरजू ने हत्या कर दी । दो हत्यायें और चार आत्महत्याओं
की दोषी आरजू काज़मी को आज मैंने अनसब्स्क्राइब कर दिया है । इस प्रकार की आत्महत्यायें
बहुत त्रासदीपूर्ण होती हैं ।
पाकिस्तान ! तुम अपने विश्वासघाती
बुद्धिजीवियों के कारण ही दुनिया भर में कहीं मुँह दिखाने लायक भी नहीं रहे हो ।