श्वानों को मिलता दूध वस्त्र भूखे बालक अकुलाते हैं ...
छत्तीस गढ़ के इस छोटे से शहर में कल श्वान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया ....वह भी राज्य स्तरीय ....पूरे राज्य के श्वान अपने-अपने स्वामियों के साथ आये. भाँति-भाँति के श्वान .....सब संकर प्रजाति के....एक भी श्वान कुपोषित नहीं था ...क्योंकि उनमें से एक भी न तो देसी था और न किसी धोबी का.
........ऊपर वाले ने अपने रोज नामचे में दर्ज किया " मनुष्यों को इन श्वानों से कुछ सीखना चाहिए ....पर नहीं... ये अभी तक अपने बच्चों को सुपोषित करना भी नहीं सीख पाए ...और तुर्रा यह कि हम मनुष्य सभी प्राणियों में सर्व श्रेष्ठ हैं ......हुंह ! लानत है ऐसी श्रेष्ठता पर...."
श्वानों ने एक-दूसरे को देखा पर किसी ने भी बात नहीं की आपस में ...अलबत्ता एक-दूसरे को गालियाँ ज़रूर दीं ...वह भी जी भर के. १० नंबर इसके भी थे न !
यहाँ भी पक्षपात ....मुझे इनाम ही नहीं दिया ....सुबह से अपने सभी स्वजातियों पर भौंका हूँ.....और क्या चाहिए इन्हें ? साले ! आदमी कहीं के !
पुरस्कार से सम्मानित हो कर मंच से प्रस्थान करता एक श्वान ....
डॉग शो के बहाने!! आदमी नियत पता चलती है। :)
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति!!
डॉक्टर साहब! यह श्वान चित्र कथा भी मनोरंजक रही और सबसे मनोरंजक तो आपकी यह बात...
जवाब देंहटाएंपूरे राज्य के श्वान अपने-अपने स्वामियों के साथ आये.
इसका अर्थ हुआ कि स्वामियों की प्रदर्शनी थी जिसे श्वानों ने आयोजित किया था.. और राज्य भर से श्वान अपने-अपने स्वामियों के साथ पधारे थे.. इसलिए पुरस्कार भी वही ले गए!! जय हो!! सोचा था स्माइली लगाऊंगा, मगर स्माइली के मामले में हमेशा गडबड हो जाती है कि कहाँ लगाना है!! जाने दीजिए!!
हम तो आपका फुटुवा देखते ही इस्माइल करने लगते हैं....अलग से इस्माइल लगाने का का ज़रूरत है भइया जी !
हटाएंकौशलेन्द्र जी ..
जवाब देंहटाएंआप ने गाँधी परिवार और मध्यप्रदेश के एक पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री की पूरी जेहादी पारिवारिक नस्ल का दर्शन करा दिया..
वैसे ये श्वान मनोविज्ञान समझना कांग्रेसियों को खूब आता है..
कुछ श्वान-श्वानियां यूरोपीय नस्ल की भी थीं .....एक यूरोपीय नस्ल की कुतिया को इनाम भी मिला ...वह भी प्रथम. का करोगे तिवारी जी! ज़माना बडा बेढब है....
हटाएंवाह! मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंकैप्शंस सभी जोरदार।
जवाब देंहटाएंआप अकेले गये थे? आई मीन...:)
हां भाया ! अकोलो ही गयो थो और कौन जायेगो म्हारे संग ?
हटाएंदेख बिचारा आदमी, भूखा मरि मरि जाय,
जवाब देंहटाएंइससे तो कुत्ते भले, खीर मलाई खाय।
पिट्सबर्ग बैठे हुए झारखंड की इस श्वान प्रदर्शनी की सैर हो गयी! आभार!
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