काश!
मुझे भी ईश्वर नें बनाया होता
तो मौत के बाद कोई ठिकाना तो मिला होता।
यूँ न इतराओ अपनी ख़ूबसूरती पे
कसम से ....कभी हमारे भी जलवे हुआ करते थे
आकाश भी हमारा न रहा
यहाँ भी बिछा दिया सामान .....हमारी मौत का
सल्फ़ी ने बाँध लिये ......सिर पे फिर सेहरे
सिर रहे न रहे पर झुकेंगे नहीं। दम हो तो झुका के दिखाये कोई।
कट गया धान ...अब हमारी बारी।
एइलेंथस एक्सेल्सा ...ज्वरनाशक है स्टेम बार्क का जूस।
abhaar
जवाब देंहटाएंबढ़िया....
जवाब देंहटाएंसल्फी का सेहरा तो मन मोह लेता है...
अनु