बस्तर के हृदय जगदलपुर का लाल बाग.....पूरे बाग की मिट्टी लाल है। यह लालिमा यहाँ की मिट्टी में मिले लौह अयस्क के कारण है। यह लालिमा यहाँ के गिरिवासी-वनवासी देशभक्तों के रक्त के कारण भी है जिन्होंने तीर-धनुष और टंगिया ( छोटी कुल्हाड़ी) से ही नाकों चने बीनने को विवश कर दिया था अंग्रेज़ी सेनाओं को। सच्चे वीरों की इस भूमि को कोटि-कोटि नमन !
गणतंत्र दिवस, पौष शुक्ल,14, विक्रम संवत् 2069
लाल बाग का एक विहंगम दृष्य
विद्यार्थियों का उत्साह तो देखते ही बनता है।
बस्तर की गिरि-वनवासी समुदायों की वेशभूषा में आये कलाकार
अपना जज़्बा ...अपनी अभिव्यक्ति ...
बीते वर्षों में हमारे ही कुछ बन्धु बन गये हमारे शत्रु। नक्सली आतंकवाद में जल रहा है बस्तर। सुरक्षा में चारो ओर मुस्तैद हैं हमारे जांबाज़ देशभक्त।
कलाकारों का एक दल
...शाला से आये बाल कलाकारों का एक और दल
अपनी प्रस्तुति के लिये तैयार पारम्परिक वेशभूषा में आये ग्रामवासियों का एक दल ...
घुंघरुओं की कलात्मक पट्टी
हम हैं हिन्दुस्तानी ...
एक वनवासी श्रमिक महिला कृषि उपकरणों के प्रतीकों के साथ
अपने महापुरुषों की स्मृति में .....उनके जैसा बनने की दिशा में ...अपने गुरुओं की छत्रछाया में कुछ विशिष्ट बनने का ...कुछ विशिष्ट करने का प्रयास।
ग्राम्य जीवन का एक दृष्य़ ...
...और लीजिये, सज गयी झाँकी।
अरे! सच्ची-मुच्ची के नहीं ... हम तो स्वांग कर रहे हैं नक्सली का।
मगर वनवासी सचमुच में कब डरे हैं मरने से। मृत्यु तो उत्सव है यहाँ, तभी तो भूमकाल जैसे आन्दोलन हो पाये यहाँ की धरती पर। क्रांतिकारी गुण्डाधुर और गेंदसिंह के किस्से याद हैं न आपको!
लीजिये, प्रारम्भ हो गया कार्यक्रम ...
चारो ओर लोग ही लोग, अपनी नन्हीं सी ज़िन्दगी में पहली बार देख रही हूँ इतनी भीड़। समझ में नहीं आता क्या देखूँ और क्या छोड़ूँ ....
पण्डाल में भीड़ ..पण्डाल के बाहर भीड़ ...सड़क पर भी भीड़ ...क्या सचमुच लोगों में इतना उत्साह है अपने गणतंत्र पर्व के लिये? ख़ुशफ़हमी ही सही, चलो मान लेते हैं कि इस विचित्र देश की धरती पर सब कुछ सम्भव है। ऐसे कार्यक्रम मुझे प्रायः भावुक कर दिया करते हैं। जो भी है जैसा भी है मेरा देश मेरा है। ...कई बार तो मुझे लगता है कि देश अभी लोकतंत्र की प्रसवपीड़ा से गुजर रहा है ....परिणाम् सुखद ही होगा, जब पूरा विश्व देखेगा कि इतनी विविधताओं के बाद भी हम सबसे न्यारे हैं और आगे बढ़ रहे हैं ...
उत्सव समाप्त । चलो, अब घर चलें ......
काश! यह उत्सव जीवन के हर पल में हो।
सुंदर तस्वीरें..बच्ची की तस्वीर बहुत प्यारी है।
जवाब देंहटाएंएकदम सजीव चित्रांकन ,हमारा रंग-बिरंगा देश बहुत खूब-सूरत है अपनी विडम्बनाओं के साथ भी
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं
लाजवाब तसवीरें .....
जवाब देंहटाएंएक तस्वीर तसवीरें खींचने वाले की भी डाल देते ....:))
भीड़ में हीरिये को खोजता रहा ...कि मिलें तो कहूं कि एक तस्वीर मेरी भी उतार दो| पर वो भला कहाँ मिलने वालीं| मुझे भी गुस्सा आ गया ....अब अपनी तस्वीर तो कभी डालूँगा ही नहीं|
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