कविता है
एक लावा ,
लावा .... जो बहता है
आंतरिक हलचल और बेचैनी से
विस्फोटित हो कर
बहता है ....
अपने आसपास के सारे
परिवेश को प्रभावित करते हुये ।
कविता है
बेचैनी की स्थिति में
कोरामीन का इंजेक्शन ।
कविता है
एक सुगन्ध
जो प्रस्फुटित होती है
हृदय की अतल गहराइयों से
कविता
एक चीख है
जो गूँजती है सतत .....
पूरे विश्व में ।
कविता है
एक विवश शब्दावली
जिसके प्रभामण्डल में समाकर
कोई रचनाकार बचा पाता है
स्वयं को पागल होने से ।
कविता है
एक अज़ूबा
जिसके चाहने वाले तो हैं
पर
नहीं रखना चाहता उसे
कोई अपने घर में ।
कविता है
सड़क के किनारे पड़ी हुयी
एक ख़ूबसूरत भिखारिन
जिसे ताकते हैं मुसाफ़िर
मुस्कराते हुये
फिर निकल जाते हैं ..बिना
उसकी ओर फेके
रोटी का एक भी टुकड़ा ।
कविता है
एक बेहोशी
जो बहती है पूरे होश-ओ-हवास
में ।
कविता है
एक जागरण
जो झकझोरती है सुप्तों को
।
कविता
एक मूल्यवान औषधि है
जिसके अभाव में
जी नहीं सकता कोई रचनाकार
।
कविता से
हमें इश्क़ हो गया है
इतना इश्क ....
कि न हम कविता को छोड़
सकते हैं
और न कविता हमें ।
इसलिये
एक इल्तिज़ा है आपसे
जब हम मरें
तो हम दोनो को
एक साथ दफ़न कर देना ।
त्रिवेणी के संगम में ।
...................................और अंत में रश्मि प्रभा जी की ओर से
यह सागर पूरित गागर
उसके सपने
उसके आँसू
उसकी उम्मीदें
उसके जीने के शाब्दिक मायने ..."
...................................और अंत में रश्मि प्रभा जी की ओर से
यह सागर पूरित गागर
" कविता है कवि की आहट
उसके जिंदा रहने की सुगबुगाहटउसके सपने
उसके आँसू
उसकी उम्मीदें
उसके जीने के शाब्दिक मायने ..."
कविता हर चीज़ में दिखती है बस संवेदनशील मन चाहिए ।
जवाब देंहटाएंवाह.....वाह....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!!!!!
कविता है
एक बेहोशी
जो बहती है पूरे होश-ओ-हवास में ।
बहुत ही बढ़िया कविता....
सादर
अनु
क्या नहीं है कविता, सब कुछ है . और यह कविता तो बेहद खूबसूरत है .
जवाब देंहटाएंशब्दों को जिसने दे दिए मायने
जवाब देंहटाएंवह कवि सिर्फ कवि नहीं = निर्माता भी है
शुक्रिया कौशलेन्द्र जी