दहशत में ख़ूबसूरती   ....2 
माओवादियों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया शाला भवन। 
 
क्षतिग्रस्त शालाभवन 
यह कैसी क्रांति? 
 
शालाभवन का क्षतिग्रस्त कक्ष जहाँ अब मवेशियों ने अपना आशियाना बना लिया है। 
 
माओवादी विकास की कहानी सुनाता शालाभवन 
 
गाँव में दहशत है ....
अब रात में यहाँ रुकते हैं वन्यजीव 
जो सुबह जाने से पहले मल त्याग करना नहीं भूलते......शायद मनुष्य नामक दरिन्दों को चिढ़ाने के लिये। 
 
माओवादी क्रांति का सृजन कितना सुन्दर है! 
किंतु ऐसी सुन्दरता चीन को ही नसीब हो 
हमें नहीं चाहिये ....बिल्कुल भी  नहीं चाहिये। सुना तुमने? 
 
माओवादियों द्वारा धराशायी किया गया एक और शासकीय भवन। 
 
जंगल में विध्वंस 
 
माओवादियों का एक और सृजन ...
डायनामाइट से उड़ा दिया गया एक शासकीय भवन। 
 
जंगल में हो रहे इस अमंगल को कौन रोकेगा ? 
 
गुंडाधुर! 
आज मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है।  
 
 
 
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
उनके शुभ चिंतकों का क्या कहना है।
जवाब देंहटाएं