रसोई के भोजन को ख़राब कर देने
के लिये बदनाम फफूंद के विपरीत तिब्बत के पठारों पर तीन हज़ार से पाँच हज़ार मीटर की
ऊँचाई पर थिटारोड्स प्रजाति के एक पतंगे के लारवा को संक्रमित कर उसके शरीर में
वृद्धि करने वाली फफूंद की एक प्रजाति ने लोगों को अपना दीवाना बना दिया है । यह
दीवानगी जहाँ स्थानीय लोगों को चोरी, लूट, धोखा, मारपीट और हत्या तक के लिए विवश कर देती है वहीं तिब्बत की
अर्थव्यवस्था में इसके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुये स्थानीय प्रशासन द्वारा
वसंत ऋतु के आते ही लगभग चालीस दिन के लिए स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया जाता
है जिससे विद्यार्थी इस बेशकीमती “सॉफ़्ट गोल्ड” के संग्रहण द्वारा परिवार की आय में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सकें ।
And it does so in a way not previously
seen: at the mRNA stage, where it inhibits polyadenylation. That means it stops
swelling at the genetic cellular level—a novel anti-inflammatory approach that
could lead to new drugs for cancer, asthma, diabetes, rheumatoid arthritis, and
cardiovascular-disease patients who don't respond well to current medications.
ओफ़ियोकार्डीसेप्स साइनेन्सिस नामक इस फफूंद को सामान्य बोली में कैटरपिलर
फंगस भी कहते हैं । तिब्बती भाषा में यार्त्सा गुनबू, चीनी भाषा में डांग छांग झिया चाओ और नेपाली भाषा में यारसा गुम्बा के नाम से
पुकारे जाने वाले इस सॉफ़्ट गोल्ड की वर्तमान कीमत सोने से भी अधिक है यानी एक
पौण्ड कैटरपिलर फंगस के लिये आपको पचास हज़ार डॉलर तक चुकाने पड़ सकते हैं । कीमत
में यह उछाल 1993 के बाद से आयी है जब पश्चिमी देशों ने चीनी खिलाड़ियों के माध्यम
से इसके औषधीय गुणों के बारे में जाना । तिब्बत,
नेपाल, सिक्किम और चीन के लोग पारम्परिक चिकित्सा में सहस्रों वर्षों से इसका उपयोग
विभिन्न रोगों के उपचार और कामशक्ति वर्धक औषधि के रूप में करते आ रहे हैं ।
चीन में धनाड्यों की डिनर पार्टीज़ में यर्त्सा का सेवन समृद्धि का प्रतीक
माना जाता है । इस कैटरपिलर फंगस ने तिब्बत, नेपाल, सिक्किम और चीन के उन ग्रामीणों की किस्मत बदल दी है जहाँ यह पाया जाता है ।
इसे लेकर संघर्ष भी होते रहे हैं और हत्यायें भी यहाँ तक कि इसके संग्रहण को लेकर
होने वाले हिंसक विवादों को सुलझाने के लिये एक बार तो दलाई लामा को भी आकर
हस्तक्षेप करना पड़ा । दिनोदिन इसकी कीमत बढ़ती ही जा रही है । पश्चिमी देशों में भी, जहाँ हर चीज का रासायनिक विश्लेषण कर कई प्रयोगों के बाद ही उसे प्रामाणिक
माने जाने की परम्परा है, इसके प्रति आकर्षण बढ़ा है ।
इस फफूंद के व्यापार का मुख्य केन्द्र तिब्बत के किंघाई राज्य का गोलोग
एनक्लेव है जहाँ के नागरिकों की आय का मुख्य स्रोत फंगस संग्रहण है । तिब्बत में
मई के शुरुआती दिनों से जून के अंत तक का समय वसंत ऋतु का होता है । इस समय बर्फ पिघलने लगती है और ठण्डी-कठोर धरती
तापमान के बढ़ने और स्थानीय घास के अंकुरण के कारण कुछ-कुछ स्पंजी होने लगती है ।
यह थिटारॉड्स पतंगे के संक्रमित कैटरपिलर से फंगस के अंकुरित होने का समय होता है
। धरती के नीचे मात्र आधा इंच की गहरायी में रहने वाले इस कैटरपिलर के सिर की ओर
से अंकुरित होने वाली इस फफूंद के संग्रहण का यह समय लगभग 40 दिनों का होता है ।
संग्रहण के लिये अनुभव की आवश्यकता होती है । संग्रहण उचित समय पर ही किया जाना
होता है जब फंगस लारवा को मारकर ऊपर उभर कर दृष्टिगोचर होने लगता है । गीली धरती
की सतह पर उगी घास के अंकुरों के बीच माचिस की तीली के बराबर के यर्त्सा को
पहचानना सरल नहीं है । कई बार संग्राहकों को गीली धरती की सतह पर घुटनों और
कोहनियों के बल पर रेंगते हुये पैनी निगाहों से फफूंद के अंकुरों को तलाशना होता
है । जैसे ही कोई अंकुर उन्हें दिखायी देता है वे ख़ुशी से चीखने लगते हैं और बड़ी
सावधानी से लोहे के ट्रोवेल से कैटरपिलर सहित अंकुर को खाँद लेते हैं ।
आप सोचेंगे कि आख़िर ऐसा क्या है इस फंफूद में जिसने इसे सोने से भी अधिक
मूल्यवान बना दिया है । उत्तर में हम तो कहेंगे कि दीवानगी के लिये महज़ दिल का
मेहरबान होना ज़रूरी है । यूँ चीनियों का दावा है कि इस फफूंद से बनने वाली औषधि
थकावट को दूर करने वाली, कामशक्ति को बढाने वाली, पाचनशक्ति और मेटाबोलिज़्म को
सुधारने वाली तो है ही अन्य कई बीमारियों को भी दूर करने में समर्थ है । 1993 के बाद पश्चिमी देशों
ने इन दावों की पुष्टि के लिये शोधकार्य प्रारम्भ किये । देखिये एक रिपोर्ट -
New study published in the journal RNA
finds that cordycepin, a chemical derived from the caterpillar fungus, has
anti-inflammatory properties. Inflammation is normally a beneficial response to
a wound or infection, but in diseases like asthma it happens too fast and to
too high of an extent," said study co-author Cornelia H. de Moor of the
University of Nottingham. "When cordycepin is present, it inhibits that
response strongly."
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