तुम्हें शिकायत है
मेरे आँसुओं से
किन्तु
इन आँसुओं के खारेपन का राज
उस सागर से पूछो
जिसने समेट रखा है अपने सीने में
एक समूची धरती का दर्द /
दर्द का यह अहसास ..............
जिस दिन छू लेगा तुम्हें
मेरा दावा है
तुम्हारे भी सीने में जन्म लेगी
एक तड़प
लोग
उसे ही प्रेम कहते हैं /
... बहुत सुन्दर !!!
जवाब देंहटाएंUdaya ji ! blog par aane ke liye bahut-bahut dhanyavaad .
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