नॉटनल वाले नीलाभ श्रीवास्तव अंतर्जाल पर लाए हैं ई.पुस्तकालय
। इस पुस्तकालय में वार्षिक शुल्क के आधार पर मनचाही पुस्तकें पढ़ी जा सकेंगी । अब पहले
की तरह हर पुस्तक के लिए अलग-अलग शुल्क नहीं देना होगा यानी बारम्बार पेमेंट का झंझट
समाप्त ।
नीलाभ हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपने पाठकों के लिए रु.
2499 की योजना के स्थान पर मात्र रु.999 की योजना ले कर प्रस्तुत हुए हैं । जिसमें
आप मनचाही पुस्तकें पढ़ सकते हैं और साल के अंत में आपकी लाइब्रेरी में आपके द्वारा
चुनी हुई 20 किताबें और 25 पत्रिकाओं के अंक आजीवन बने रहेंगे।
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टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.