1-
फटी
हुयी है जींस
मेरी भी
और
तुम्हारी भी ।
मेरी
ग़रीबी
के कारण,
तुम्हारी
अमीरी
के कारण ।
मेरी
ग़रीबी
फ़ैशन बन
गयी है
तुम्हारी
अमीरी का ।
मेरे
ख़यालात
बहुत
पुराने हैं
इसीलिये
फ़ैशन नहीं करता,
फ़ैशन
करूँगा
तो मुझे
भी उड़ाना पड़ेगा मज़ाक
तुम्हारी
अमीरी का
जो बहुत
भारी पड़ेगा
तुम्हारे
लिये ।
2-
जो काम
नहीं कर
सकेंगे तुम्हारे भगवान !
वो मैं
कर सकूँगा
इसलिये
आप ही
हो आइये मन्दिर !
छोड़
दीजिये मुझे
यहीं
मन्दिर के बाहर
तुम्हारे
जूतों की रखवाली के लिये,
यह काम
भगवान
के वश का नहीं है न !
3-
शहर में
देवालय है
शहर में
मदिरालय है
शहर में
चकला है
शहर में
थाना है
शहर में
सरकार है
शहर में
दीवार है ।
दीवारों
ने खींच दी हैं
सरहदें
इन सबके
बीच,
इसीलिये
शहर में
कोई नहीं सुन पाता
किसी की
आवाज़ ।
आज फिर
हुआ है
सामूहिक
बलात्कार
जिसकी
एक भी चीख
नहीं
भेद सकी है
इन
दीवारों को ।
दीवारें
बड़ी सख़्त हैं
जब तक
रहेंगी
बलात्कार
होते रहेंगे ।
आओ !
आज हम
ढहा दें सारी दीवारें
मुक्त
कर दें
भगवान
को भी
देखने
दें उसे भी
होता
हुआ बलात्कार ।
मेरा
दावा है
वह
अंतिम बलात्कार होगा ।
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