सोमवार, 19 मार्च 2018

कोयलिया


छनन-छनन छन-छन पायलिया
ओढ़ि चली सिंदूरी चुनरिया
मधुमास भये 
दिन चढ़ी गुजरिया ।

संदेह भरे मन
बूढ़े टेसू
ठाड़े कछु ताड़त
पकरि कमरिया ।

घुसत खेत लटपटात
लम्पट पवन मंद पी छेड़त
फुदकि-फुदकि के फुनगी-फुनगी
चुगली करत कोयलिया ।

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