रविवार, 30 अगस्त 2020

धर्म अफ़ीम भी धर्म कोरामीन भी

-      स्वीडन जलने लगा, दुनिया के बहुत से देश पहले से ही जल रहे हैं ।

-      धर्म जला रहा है हमें या यूँ कहिए कि धर्म की आड़ में हम ख़ुद ही जला रहे हैं दुनिया को । बात को समझना होगा ।

-      जब तक इंसान के रचे धर्म रहेंगे इस दुनिया में, ख़ून बहता रहेगा ।

-      जब कोई धर्म नहीं होगा तब इंसानियत का धर्म होगा, हमें उसी की ज़रूरत है ।

-      तो मैं मानता हूँ कि दुनिया भर में वे सारे धर्म ख़त्म हो जाने चाहिये जिन्हें हमने और आपने बनाया ।

-      इंसान के बनाए धर्मों को राजनीतिज्ञों ने हाईजैक करके फ़ोर्टीफ़ाइ कर लिया है । वे फ़ोर्टीफ़ाइड धर्म का प्रयोग अफ़ीम की तरह जनता को पिन्नक में बनाये रखने के लिए करते हैं ।

-      राजनीति युद्ध से प्रारम्भ होती है और उसका अंत किसी न किसी सभ्यता के अंत से होता है ।

मैं इज़्रेल में आर्यों को देखता हूँ...

इस धरती पर इज़्रेल ही एक ऐसा देश है जो हमें सम्मोहित करता है । मैं इज़्रेल को एक बलिष्ठ और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले युवक के रूप में देखता हूँ । शायद आर्यावर्त के आर्य भी कभी ऐसे ही कैरेक्टेरिस्टिक्स वाले होते रहे होंगे ।

और हाँ ! इज़्रायल को इज़्रेल कहना मैंने तेल अबीव की एक युवा लड़की से सीखा है ।     

1 टिप्पणी:

टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.