पूरा हो गया
इक्कीसवीं सदी का पहला दशक
जूझते हुए ....
देशी-विदेशी आतंकों से,
देशी-विदेशी आतंकों से,
करते हुए सामना ....
तबाही और बेगुनाहों के खून का,
तबाही और बेगुनाहों के खून का,
सहते हुए उत्पीडन......
हर बार की तरह ,
हर बार की तरह ,
देखते हुए ...
सैनिकों की लाशों पर बनते महलों को,
सैनिकों की लाशों पर बनते महलों को,
हड़पते हुए .......
शहीदों के हिस्से को,.......
शहीदों के हिस्से को,.......
और करते हुए इंतज़ार ......
किसी सैनिक की विधवा को
किसी सैनिक की विधवा को
कि मिल जाय
शहादत की कीमत
शहादत की कीमत
तो करवा सके ...
बूढ़े सास-ससुर का इलाज़.
बूढ़े सास-ससुर का इलाज़.
करा सके
स्कूल में बच्चे का दाखिला,
स्कूल में बच्चे का दाखिला,
खरीद सके
मुनिया के लिए किताब,
मुनिया के लिए किताब,
और ले सके
अपने लिए दमे की दवा .......
अपने लिए दमे की दवा .......
अब तो सरकारी वादे के पूरे होने पर टिकी है
आगे की ज़िंदगी .
नया साल तो
और भी खतरनाक है उसके लिए
और भी खतरनाक है उसके लिए
कल ही
नक्सलियों नें लाल स्याही से लिखी
चस्पा की है एक चिट्ठी
नक्सलियों नें लाल स्याही से लिखी
चस्पा की है एक चिट्ठी
फरमान है
कि भेजना होगा ......
बड़े बेटे को
उनके कबीले में
कि भेजना होगा ......
बड़े बेटे को
उनके कबीले में
..........मुनिया को नहीं खोना है अगर
...............और छोटे का बनाना है भविष्य उज्जवल .
पति नें जान दे दी देश के लिए
अब उसी का खून जाएगा .....
देश से बगावत करने.....
उसे भेजना ही होगा .......
कोई सरकार ......
नहीं रोक सकती ऐसा होने से
नहीं रोक सकती ऐसा होने से
रोक पाती
तो क्या खून करता
कोई खून
अपने ही खून का
तो क्या खून करता
कोई खून
अपने ही खून का
और पसार पाता ड्रैगन
अपने खूनी पंजे
अपने खूनी पंजे
यहाँ
बस्तर की खामोश वादियों में ?
बस्तर की खामोश वादियों में ?
हमारे लिए
आज़ादी का क्या अर्थ है ?
आप ही बताइये ....
आज़ादी का क्या अर्थ है ?
आप ही बताइये ....
साल नया हो या पुराना
क्या फर्क पड़ता है !