गुरुवार, 15 दिसंबर 2011

Moon - Solo Dance by Yang LiPing



 
सृष्टि को आकार लेते  देखा है  कभी ? 
 नहीं! 
तो देखिये .......कुछ इस तरह  ......

5 टिप्‍पणियां:

  1. अली जी, पाण्डेय जी, सलिल भैया जी एवं मनोज भाई जी ! यह जो अद्भुत है यही है ताई ची तू.
    प्रकाश है तभी छाया है .....जो छाया है वही माया है .....दोनों एक-दूसरे के लिए महत्त्वपूर्ण हैं. परमाणु का न्यूट्रोन इनर्शिया से भरपूर है ...यह तम है ...किन्तु रजोगुण वाले इलेक्ट्रोंस की अपेक्षा कहीं अधिक शक्तिशाली और पोटेंशियल युक्त. ......वस्तुतः जो तम है वह अनरिवील्ड तथ्यों का पुंज है ...असीम सम्भावनाओं से भरा हुआ. वह उपेक्षित तभी तक है जब तक हमारी बुद्धि का प्रकाश वहाँ तक पहुँच नहीं जाता.
    इसीलिये चीनी और जापानी लोग निगेटिव में से भी पोजिटिव खोज निकालने में सिद्ध हस्त हैं ....
    यह नृत्य नहीं जीवन दर्शन है .....अद्भुत है ....
    ब्राउनियन मूवमेंट भी तो नृत्य है......
    और ब्राह्मांड की समस्त गतिविधियाँ भी कोस्मिक डांस ही तो हैं ....

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टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.