रविवार, 9 जून 2024

हवा में घुली घृणा और हिंसा

 *हिन्दू-मुसलमान-१*

“दहशत फैलाता है भाजपा वाला लोग, हिन्दू-मुसलमान करके नफ़रत का रजनीती करता है। हम सबको नोकरी देने का बात करता है, महँगाई कम करने का बात करता है, ऊ लोग केवल दंगा करने का बात करता है।” –राजद, सपा, आप तृणमूलकांग्रेस, उद्धव शिवसेना और कांग्रेस आदि।

इस बार के लोकसभा चुनाव में कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हर बार की तरह भाजपा के विरुद्ध अन्य दलों को वोट देने का मुसलमानों से अनुरोध किया, एक महिला ने तो “वोट-जिहाद” का नया नारा देते हुये मुसलमानों को उत्साहित किया। यह कौन है जो “हिन्दू-मुसलमान” कर रहा है? 

सनातनी विष्णु शंकर जैन को मुस्लिम संगठनों की ओर से एक बार फिर हत्या कर दिये जाने की धमकियाँ मिलनी प्रारम्भ हो गयी हैं। यह कौन है जो हिन्दू-मुसलमानकर रहा है?

परमहंस की स्थिति को प्राप्त हो चुका हिन्दू सदा की तरह निर्विकार, प्रतिक्रियाशून्य और मौन है। पहले भी नूपुर शर्मा और नवनीत राणा सहित कई हिन्दुओं को जान से मार डालने या सामूहिक यौनौत्पीड़न कर हत्या कर देने की धमकियाँ दी जाती रही हैं, कई हिन्दुओं के “सर तन से जुदा” कर भी दिये गये, फिर भी हिन्दुओं पर “हिन्दू-मुस्लिम” करने और “नफ़रत फैलाने” का आरोप लगाया जाना उस वैश्विक षड्यंत्र का एक हिस्सा है जिसका उद्देश्य विश्व की सभी संस्कृतियों को समाप्त कर केवल इस्लामिक दुनिया की स्थापना करना है। दुर्भाग्य से इस षड्यंत्र में हिन्दू-विद्वेषी कई राजनीतिक दल भी सम्मिलित हैं। हिन्दूवादी संगठनों पर इस तरह के निराधार आरोप नये नहीं हैं। काश! भाजपा शत्रु और मित्र का भेद स्पष्ट कर पाती, उस विषैली हवा को समाप्त कर पाती जिस पर सवार विस्तारवादी झूठ देश-विदेश में जहाँ-तहाँ विचरण करता फिरता है।

हिन्दू मंदिरों पर इस्लामिक प्रतीकों के विरुद्ध न्यायालयों में तार्किक और प्रामाणिक-वैधानिक पक्ष रखने वाले हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु शंकर जैन ने लगभग एक सौ दो प्रकरणों में सत्य का पक्ष रखा है, यही कारण है कि कट्टर मुसलमान उनकी हत्या कर देने पर उतारू हो गये हैं। हिन्दुओं को यह बात समझनी होगी कि कट्टर मुसलमान दुनिया के किसी न्यायालय को नहीं, केवल शरीया को मानता है।

अयोध्या का रामलला मंदिर तोड़कर बाबरी मस्ज़िद, वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्ज़िद, आगरा के तेजोमहालय को तोड़कर ताजमहल, और नई दिल्ली में सम्राट समुद्र गुप्त निर्मित विष्णुध्वज का नामांतरण कुतुब मीनार के रूप में कर दिया गया। इन अतिक्रमणों से वामपंथी हिन्दुओं को कोई पीड़ा नहीं होती, जबकि नाजिया इलाही, अम्बर जैदी, सुबुही खान और ऐसे ही कई निष्ठावादी मुसलमान हिन्दू प्रतीकों के समर्थन में खुलकर सामने आते रहते हैं। भाजपाविरोधी और हिन्दूद्वेषी राजनीतिक दल तो इन प्रतीकों के विवादास्पद रूप में ही बनाये रखने के लिए सदा कटिबद्ध रहते हैं।

हमारे सामने इस्तंबूल की हागिया सोफ़िया का उदाहरण भी है जिसे सन् १४५३ में चर्च से मस्ज़िद में बदल दिया गया। भारत ही नहीं, मध्य एशिया और अब तो अमेरिका और योरोप में भी आराधना स्थलों के इस्लामिक अतिक्रमणों और इस्लामिकेतर धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने के विवाद खुलकर होने लगे हैं। हागिया सोफ़िया तुर्की का एक ऐसा धार्मिक विवाद है जहाँ हिन्दू नहीं है फिर भी आराधनास्थल पर इस्लामिक अतिक्रमण का विवाद पिछले सैकड़ों सालों से चला आ रहा है। सत्य को समझने के लिए इस तथाकथित “हिन्दू-मुस्लिम” हवा और इस्लामिक विस्तार को एक साथ रखकर देखना होगा।

*हिन्दू-मुसलमान-२*

        पिछले दिनों “द मनमौजी” एवं “द राजधर्म” की डिजिटल मीडिया न्यूज़ एडिटर एवं कंटेंट क्रिएटर अर्चना तिवारी का एक वीडियो देखा जिसमें वे अयोध्या के दो छोटे-छोटे मुसलमान बच्चों से बात करती दिखायी देती हैं जो शिक्षा के लिये मदरसा और विद्यालय दोनों जगह जाते हैं। बातचीत का सारांश यह है कि “...मदरसे में कोई पढ़ायी नहीं होती, हमें स्कूल जाना अच्छा लगता है, हमें योगी का बुलडोज़र पसंद है, वे गलत का विरोध और सत्य की बात करते हैं, हमें योगी जी बहुत पसंद हैं, हिन्दू-मुसलमान कुछ नहीं होता, जो गलत है उसका विरोध होना चाहिये चाहे वह कोई भी हो, हम बड़े होकर भी ऐसे ही रहेंगे चाहे कोई हमें कुछ भी समझाये, हमारे घर वाले भी हमें ऐसा ही बताते हैं, अगर उन्होंने कभी हमें भड़काने की कोशिश की भी तो हम कभी नहीं मानेंगे, ऐसे ही रहेंगे और जो हमारी बुद्धि कहेगी वैसा ही करेंगे।“

        वीडियो देखकर दर्शकों ने दोनों अंसारी बच्चों को भर-भर कर आशीर्वाद दिया, उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनके माता-पिता की प्रशंसा की। टिप्पणी करने वाले सभी लोग हिन्दू थे, जिनके मनोभाव सनातन की सहज समावेशिता और स्वीकार्यता की वह प्रतिध्वनि है जो हिन्दू को कभी समाप्त नहीं होने देती। यही कारण है कि हिन्दूविश्वासघातों के बाद भी हिन्दुओं का समूल उच्छेदन कभी नहीं हो सकेगा। 

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