अहमदशाह
ग़िलानी को कश्मीर चाहिये, यासीन मलिक को कश्मीर चाहिये, उमर अब्दुल्ला को कश्मीर
चाहिये, उमर ख़ालिद को कश्मीर चाहिये, शबनम लोन को कश्मीर चाहिये...
क्या भारत
में एक भी हिंदू ऐसा नहीं है जिसे कश्मीर चाहिये, वह कश्मीर जो कभी आर्यावर्त्त का
शीर्ष हुआ करता था !
सिंधु
घाटी सभ्यता के केन्द्र कश्मीर से भगा दिये गये वे पंडित जो पिछले पाँच हजार साल
से शारदा लिपि, संस्कृत, चिकित्सा, दर्शन, आध्यात्म आदि के क्षेत्र में अपने
महत्वपूर्ण योगदान के माध्यम से कश्मीरी सभ्यता के एक महत्वपूर्ण भाग थे । आठवीं
शताब्दी में शारदापीठ आये आदि गुरु शंकराचार्य ने कभी सोचा भी न होगा कि वे ज्ञान
की देवी सरस्वती के जिस मन्दिर के दर्शन इतने गौरव से कर रहे हैं वह किसी दिन
विदेशियों द्वारा खण्डहर बना दिया जायेगा । उन्हीं विदेशियों का रक्त आज पूरी
कश्मीर घाटी में फैल गया है, सनातनधर्मी अल्पसंख्यक हो गये हैं और एक समुदाय विशेष
के आतंक ने सिन्धु घाटी सभ्यता को नष्ट करना प्रारम्भ कर दिया है । कश्मीर की हिमाच्छादित
चोटियाँ पूछ रही हैं, कश्मीर की धरती पूछ रही है, कश्मीर की ख़ाक कर दी गयी
ख़ूबसूरती पूछ रही है, पूछ रही है कि...
सनातन
संस्कृति के उपासक नागा, गान्धार, खासा और द्रादियों का कश्मीर आज किसका है ?
महाभारत
युग के गणपतयार और क्षीरभवानी मन्दिर से सुशोभित होने वाला कश्मीर आज किसका है ?
त्रिखाशास्त्र
से गौरवान्वित होने वाला कश्मीर आज किसका है ?
सरस्वती,
ब्राह्मी, पाली और संस्कृत भाषाओं से समृद्ध रहा कश्मीर आज किसका है ?
वितस्ता
(झेलम), सिन्धु, चन्द्रभागा (चिनाब), रावी (परुष्णी), हुंजा और तवी आदि नदियों के
किनारे विकसित हुयी भारतीय सनातन संस्कृति वाला कश्मीर आज किसका है ?
मधुमती
(नीलम) नदी के तट पर ज्ञान और बुद्धि की देवी सरस्वती की आराधना के लिए स्थापित
शारदापीठ से शोभित कश्मीर आज किसका है ?
जिस
केसरिया रंग को आज घृणा की दृष्टि से देखा जाना प्रगतिशीलता का प्रतीक मान लिया
गया है उसके मौलिक स्रोत केशर की घाटियों वाला कश्मीर आज किसका है ?
द्वापर
युग में महाभारत के चर्चित रहे कनिष्ठ पांडव सहदेव द्वारा मरीचि ऋषि के पुत्र
कश्यप ऋषि के नाम पर स्थापित व शासित राज्य कश्यपमेरु से अपभ्रंश हुआ कश्मीर आज
किसका है ?
ईसापूर्व
1182 में राम के वंशज राजा गोनन्द द्वारा शासित कश्मीर आज किसका है ?
ईसापूर्व
1182 से लेकर ईसवी सन् 1339 तक लगभग 145 सनातनधर्मी राजाओं से शासित रहा कश्मीर आज
किसका है ?
ईसापूर्व
छठी शताब्दी के चरक ऋषि (Father of Medicine) का
कश्मीर आज किसका है ?
ईसापूर्व
273 में बौद्धों द्वारा शासित रहा कश्मीर आज किसका है ?
तीसरी
शताब्दी में मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा शासित कश्मीर आज किसका है ?
सम्राट
अशोकवर्द्धन द्वारा बसायी राजधानी श्रीनगर से शासित कश्मीर आज किसका है ?
छठी
शताब्दी में महाराजा विक्रमादित्य से शासित कश्मीर आज किसका है ?
आठवी
शताब्दी में ईसवी सन् 724 से 761 तक कर्कोटा वंश के सनातनधर्मी सम्राट ललितादित्य
मुक्तापीड़ का विशाल साम्राज्य कश्मीर जो शैव आराधना के लिये विख्यात् था आज किसका
है ?
आठवी
शताब्दी में महाराजा अवंतिवर्मन द्वारा स्थापित राजधानी अवंतिनगर से शासित होने
वाला कश्मीर आज किसका है ?
12वीं
शताब्दी के पूर्वार्द्ध में शारदा लिपि में रचित ग्रंथ “राजतरंगिणी” के लेखक कल्हण
का कश्मीर आज किसका है ?
चौदहवीं
शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों से दलित होने से पूर्व सनातनधर्म और शैव मत का
अनुयायी रहा कश्मीर आज किसका है ?
कश्मीर
में ईसवी सन् 1339 में मुस्लिम शासक शाहमीर का शासन हुआ । उसके बाद कई हिन्दू और
सिख राजाओं से शासित रहा कश्मीर आज भारत का नहीं है इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता
है ? कश्मीर भारतीय संस्कृति एवं विद्या का प्राचीनतम केन्द्र रहा है जहाँ कभी
“नमस्ते शारदे देवी कश्मीर पुर वासिनि त्वामहं प्रार्थये नित्यं विद्या दानं च देहि
मे”॥ जैसी प्रार्थनायें गूँजा करती थीं । यह वही कश्मीर है जिसके बारे में कल्हण
ने राजतरंगिणी के प्रथम तरंग के 39वें श्लोक में यह कहा है -
विजीयते
पुण्यबलैर्बर्यत्तु न शस्त्रिणम ।
परलोकात
ततो भीतिर्यस्मिन् निवसतां परम् ।।
अर्थात्
“वहां (कश्मीर) पर शस्त्रों से नहीं केवल पुण्य बल द्वारा ही विजय प्राप्त की जा
सकती है। वहां के निवासी केवल परलोक से भयभीत होते हैं न कि शस्त्रधारियों से”।
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