ट्रंप का ट्रम्प कार्ड
चला... पर तनिक सा
फिर फुस्स हो गया
और भर गयी फुस्सी-गंध
अफ़्रीका के अतिरिक्त
शेष विश्व में
जिससे नहीं रह सका अछूता
अमेरिका भी ।
दो रुपये की हो गयी
एक रुपये की वस्तु
ट्रंप के टैरिफ़ युद्ध में
मूल्य बढ़ते गये
चार गुना, दस गुना, एक सौ गुना...
कोई अर्थ है इसका !
न ग्राहक
न विक्रेता,
वे तो पहले दिन से ही रूठे
बैठे हैं
जब चलाया था पहला टैरिफ खड्ग ।
अद्भुत् युद्ध है
व्यापारिक लाभ के लिये
व्यापार बंद है
अच्छे भोजन के लिये
भोजन बंद है ।
अब देखना तो यह है
कि होता है चूर-चूर
पहले किसका अहंकार
जो होना ही है
एक न एक दिन
किये बिना कोई व्यापार !
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