गुरुवार, 13 अगस्त 2020

मगध से टकराने का दुस्साहस शिवसेना को बहुत भारी पड़ेगा...

सत्ता ही सत्य को छिपाने लगे तो अपराधियों का दुस्साहस और बढ़ता है । 

एक बार वज्जीसंघ के निरंकुश और स्वेच्छाचारी राजकुमारों ने अपने राज्य के एक साधारण से सैनिक की बेटी को अपनी उद्दाम यौनापूर्ति का साधन बनाया । अनाथ हो चुकी ब्राह्मण कन्या को विश्व के प्रथम लोकतांत्रिक अट्टकुल राजाओं से न्याय की आशा थी किंतु सत्ता ने राजकुमारों का पक्ष लिया और आम्रपाली को न्याय से सदा के लिए वंचित कर दिया । न्यायवंचिता ब्राह्मण नगरवधू ने मगध की तत्कालीन सत्ता से किस तरह बदला लिया यह सर्वविदित है ।  

इस बार मगध के एक नागरिक को महाराष्ट्र की सत्ता ने न्याय से वंचित करने का प्रयास किया है । सत्ता के मद में बड़ी निर्लज्जता के साथ सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का सच छिपाया जा रहा है, वह सच जो अब धीरे-धीरे प्याज की हर पर्त के साथ आँखों को कष्ट देने लगा है । यह न्याय के साथ सत्ता का बलात्कार है । इस सारे घटनाक्रम ने मुझेउद्वेलित किया है । सुशांत सिंह की मृत्यु के दुःख को अब मेरे गुस्से ने रिप्लेस करना शुरू कर दिया है । मगध के नागरिक से टकराने वाली महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार का भी एक दिन सत्ता से वंचित होना तय है ।

1 टिप्पणी:

टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.