26
जनवरी 2015 के दिन 
लाल
किले के समारोह में आमंत्रित है 
एक
विशिष्ट अतिथि 
जिसका
आचरण 
निन्दनीय
ही नहीं 
भर्त्सना
के योग्य भी है । 
पूरा
विश्व देखता रहा है 
उसके
आर्थिक वरदानों को  
बरसते
हुये 
एक
आतंकी की झोली में 
जो
संकल्पित है 
अपनी
सम्पूर्ण शत्रुता और दुष्टता के साथ 
छिन्न-भिन्न
कर देने के लिये 
भारत
के गणतंत्र को । 
भारत
के गणतंत्र पर्व पर 
आमंत्रित
अतिथि 
स्वयं
को 
मुसलमान
कहता है ।  
सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (14-01-2015) को अधजल गगरी छलकत जाये प्राणप्रिये..; चर्चा मंच 1857 पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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उल्लास और उमंग के पर्व
लोहड़ी और मकरसंक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'