1- पथिक
ज्ञान का अजस्र भण्डार है भारत में
जिधर देखो
बुद्ध ही बुद्ध दिखाई देते हैं लोग
नहीं दिखाई देता
तो केवल एक सिद्धार्थ
जो हो सतत अग्रसर.
बुद्ध बनने के पथ पर
2- अंश
जब मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
तो यह मेरा
खुद से प्रेम होता है.
जब मैं तुमसे नफरत करता हूँ
तो यह मेरी
खुद से नफ़रत होती है.
और जब तुम
बगावत करते हो मुझसे
तो यह मेरी
खुद से बगावत होती है
क्योंकि तुम कोई और नहीं
स्वयं मैं ही हूँ.
३- गंगा और मीठी नदी भी नहीं कर पायी सागर को मीठा
कलकत्ता में बहू बाज़ार
मुंबई में कमाठीपुरा
............................
सागर का पानी
खारा तो होना ही था.
४- आविष्कार
तुमने आग जलाना सीखा
और बम तक पहुँच गए
मैंने कुछ नहीं कहा.
तुमने चक्का घुमाया
और पूरी दुनिया को मुट्ठी में दबा लिया
मैं चुप रहा.
पर जिसने ये बाज़ार बनाया
उसे नहीं छोडूंगा.
5- नए कपड़े
यह साल
जो अभी-अभी गुज़रा है यहाँ से
हमारी-तुम्हारी छाती को रौंदते हुए,
अपने कुछ निशान छोड़ गया है.
कहते हैं कि अपराधी
एक बार लौटकर ज़रूर आता है
वारदात की जगह.
और लो, आ गया लौटकर
फिर वही साल
नए कपड़े पहनकर.
6- त्यागी
यकीन मानो
मुझे नहीं है मधुमेह
पर यह सच है
कि अब मैं मिठाई नहीं खाता.
सुना है
असली खोये ने संन्यास ले लिया है
और नकली वाले ने लेली है
अपने हाथ में बाज़ार की नकेल.
७- और लाओ लोकपाल बिल....विरोध भी तुम्हीं से करवाएंगे
कितना समझाया
लीप कर घर शुद्ध नहीं होते अब
पर तुम्हें तो लीपने का बड़ा शौक था न !
लो, हग दिया हमने
अब लीपो जितना लीपना हो.
८- "शुद्धता-निरपेक्षता"
भारतीय रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर पड़ा
किसी बच्चे का पाखाना
ठीक उसके बगल में
सबकी आँखों में धूल झोंक कर बनता हुआ
यात्रियों का खाना
हमारी शुद्धता-निरपेक्षता का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है.
कनीमोझी की कसम
जो आज तक कोई बीमार पड़ा हो माई का लाल.
९- विरासत का हस्तांतरण
सीन -
नागपुर से रायपुर की यात्रा
गीतांजलि का वातानुकूलित डब्बा.
कंडीशन -
नवयुवक यात्री के पास था
एक टिकट.....जनरल का
निष्कर्ष -
बड़े ही आध्यात्मिक वातावरण में
निर्विघ्न संपन्न हुयी उसकी यात्रा.
विवरण-
टिकटचेकर जी
दो घंटे से हमारे पास बैठकर
लोकपाल बिल पर चर्चा कर रहे थे
भ्रष्टाचार को गरिया रहे थे
मेरी आँखों ने देखा ...
वे अचानक राजा जनक हो गए थे.
वैचारिक निर्लिप्तता का
जीवंत उदाहरण बन गए थे
सौदा, सत्तर रुपये में तय हो गया.
ज्ञान का अजस्र भण्डार है भारत में
जिधर देखो
बुद्ध ही बुद्ध दिखाई देते हैं लोग
नहीं दिखाई देता
तो केवल एक सिद्धार्थ
जो हो सतत अग्रसर.
बुद्ध बनने के पथ पर
2- अंश
जब मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
तो यह मेरा
खुद से प्रेम होता है.
जब मैं तुमसे नफरत करता हूँ
तो यह मेरी
खुद से नफ़रत होती है.
और जब तुम
बगावत करते हो मुझसे
तो यह मेरी
खुद से बगावत होती है
क्योंकि तुम कोई और नहीं
स्वयं मैं ही हूँ.
३- गंगा और मीठी नदी भी नहीं कर पायी सागर को मीठा
कलकत्ता में बहू बाज़ार
मुंबई में कमाठीपुरा
............................
सागर का पानी
खारा तो होना ही था.
४- आविष्कार
तुमने आग जलाना सीखा
और बम तक पहुँच गए
मैंने कुछ नहीं कहा.
तुमने चक्का घुमाया
और पूरी दुनिया को मुट्ठी में दबा लिया
मैं चुप रहा.
पर जिसने ये बाज़ार बनाया
उसे नहीं छोडूंगा.
5- नए कपड़े
यह साल
जो अभी-अभी गुज़रा है यहाँ से
हमारी-तुम्हारी छाती को रौंदते हुए,
अपने कुछ निशान छोड़ गया है.
कहते हैं कि अपराधी
एक बार लौटकर ज़रूर आता है
वारदात की जगह.
और लो, आ गया लौटकर
फिर वही साल
नए कपड़े पहनकर.
6- त्यागी
यकीन मानो
मुझे नहीं है मधुमेह
पर यह सच है
कि अब मैं मिठाई नहीं खाता.
सुना है
असली खोये ने संन्यास ले लिया है
और नकली वाले ने लेली है
अपने हाथ में बाज़ार की नकेल.
७- और लाओ लोकपाल बिल....विरोध भी तुम्हीं से करवाएंगे
कितना समझाया
लीप कर घर शुद्ध नहीं होते अब
पर तुम्हें तो लीपने का बड़ा शौक था न !
लो, हग दिया हमने
अब लीपो जितना लीपना हो.
८- "शुद्धता-निरपेक्षता"
भारतीय रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर पड़ा
किसी बच्चे का पाखाना
ठीक उसके बगल में
सबकी आँखों में धूल झोंक कर बनता हुआ
यात्रियों का खाना
हमारी शुद्धता-निरपेक्षता का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है.
कनीमोझी की कसम
जो आज तक कोई बीमार पड़ा हो माई का लाल.
९- विरासत का हस्तांतरण
सीन -
नागपुर से रायपुर की यात्रा
गीतांजलि का वातानुकूलित डब्बा.
कंडीशन -
नवयुवक यात्री के पास था
एक टिकट.....जनरल का
निष्कर्ष -
बड़े ही आध्यात्मिक वातावरण में
निर्विघ्न संपन्न हुयी उसकी यात्रा.
विवरण-
टिकटचेकर जी
दो घंटे से हमारे पास बैठकर
लोकपाल बिल पर चर्चा कर रहे थे
भ्रष्टाचार को गरिया रहे थे
मेरी आँखों ने देखा ...
वे अचानक राजा जनक हो गए थे.
वैचारिक निर्लिप्तता का
जीवंत उदाहरण बन गए थे
सौदा, सत्तर रुपये में तय हो गया.
सभी एक से बढकर एक, लेकिन 3 सबसे दर्दनाक!
जवाब देंहटाएंसपरिवार आपको, आपके मित्रों व परिजनों को नववर्ष की मंगलकामनायें!
आपके एक-एक पद बड़े धारदार होते जा रहे हैं। लगता है नए साल में आपका पेज खोलने के पहले सोचना पड़ेगा कि कहीं मॉनीटर कट न जाए....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ
- आनंद
तीखे तीर, सभी घाव करे गम्भीर
जवाब देंहटाएंवैसे तो सब अच्छी हैं पर 2,3,4,5,6 खास पसंद आई !
जवाब देंहटाएं1,2,4,और 5 मेरे को अच्छे लगे।
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