शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020

रायपुर की रेव पार्टीज़ में कोकीन...

मुम्बई ही नहीं जगदलपुर और रायपुर जैसे शहर भी वर्षों से नशे की ग़िरफ़्त में हैं । रेव पार्टीज़ के आयोजन की लत छत्तीसगढ़ के शहरों में भी अपनी जड़ें जमाती जा रही है । कुलीन घरों की लड़कियाँ और उच्च शिक्षित लोग भी कोकीन के शौक़ीन हैं । मामले का खुलासा किया है पुलिस या नार्कोटिक्स के अधिकारियों ने नहीं बल्कि एक पत्रकार ने । मामला उजागर होने के बाद कोकीन के दो पेडलर्स पकड़े गये हैं । मामला हाईप्रोफ़ाइल लोगों का है, कोकीन जैसे महंगे नशे से छत्तीसगढ़ की सम्पन्नता समझ में आती है जो आतंकवादियों के लिए एक आमंत्रण है । सही तरह से जाँच हो तो छत्तीसगढ़ के कई शहरों में कोकीन के कहर से युवाओं को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है ।

कोकीन और हशीश के मामले में रायपुर के तार नागपुर और मुम्बई से जुड़े हुये हैं जबकि मारीज़ुआना का धंधा उड़ीसा से होता रहा है । आये दिन समाचार पत्रों में राष्ट्रीयराजमार्ग पर मारीज़ुआना पकड़े जाने के समाचार वर्षों से प्रकाशित होते रहे हैं, किंतु आजतक इस धंधे पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है ।

मामला कोकीन और हशीश का ही नहीं है । सही तफ़्तीश हो तो नशे के व्यापार के सूत्र हाईप्रोफ़ाइल देहव्यापार और आतंकवादियों से भी जुड़े हुये मिल जायेंगे ।

हमारा केवल एक ही प्रश्न है –इतना हाईप्रोफ़ाइल धंधा आज तक किसी ज़िम्मेदार अधिकारी की नज़र से कैसे बचा रहा

3 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर देने के जमाने रहे नहीं।
    प्रश्न नये चाहिये अब पुराने नहीं।

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  2. बहुत गंभीर समस्या- सामने लाकर इसका समाधान होना बहुत आवश्यक है.

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  3. @ सुशील कुमार जोशी जी! प्रश्न भी हमें उठाने हैं और उत्तर भी हमें ही खोजने हैं । राजा जब निष्क्रिय तो प्रजा को सक्रिय होना पड़ता है ।
    @ प्रतिभा सक्सेना जी ! पत्रकार बीच-बीच में ऐसी ख़बरें प्रकाशित करते रहते हैं, यदाकदा पुलिस भी पकड़-धकड़ करती रहती है किंतु यह अभी तक जन आंदोलन नहीं बन सका । समाज को ही उठकर खड़ा होना होगा ...सरकारों को बाध्य करने के लिए । नई पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा एक बहुत गंदे नाले में समाता जा रहा है ।

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टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.