मुम्बई
ही नहीं जगदलपुर और रायपुर जैसे शहर भी वर्षों से नशे की ग़िरफ़्त में हैं । रेव
पार्टीज़ के आयोजन की लत छत्तीसगढ़ के शहरों में भी अपनी जड़ें जमाती जा रही है ।
कुलीन घरों की लड़कियाँ और उच्च शिक्षित लोग भी कोकीन के शौक़ीन हैं । मामले का
खुलासा किया है पुलिस या नार्कोटिक्स के अधिकारियों ने नहीं बल्कि एक पत्रकार ने ।
मामला उजागर होने के बाद कोकीन के दो पेडलर्स पकड़े गये हैं । मामला हाईप्रोफ़ाइल
लोगों का है, कोकीन जैसे महंगे नशे से छत्तीसगढ़ की सम्पन्नता समझ में आती है जो
आतंकवादियों के लिए एक आमंत्रण है । सही तरह से जाँच हो तो छत्तीसगढ़ के कई शहरों
में कोकीन के कहर से युवाओं को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है ।
कोकीन
और हशीश के मामले में रायपुर के तार नागपुर और मुम्बई से जुड़े हुये हैं जबकि
मारीज़ुआना का धंधा उड़ीसा से होता रहा है । आये दिन समाचार पत्रों में
राष्ट्रीयराजमार्ग पर मारीज़ुआना पकड़े जाने के समाचार वर्षों से प्रकाशित होते रहे
हैं, किंतु आजतक इस धंधे पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है ।
मामला
कोकीन और हशीश का ही नहीं है । सही तफ़्तीश हो तो नशे के व्यापार के सूत्र
हाईप्रोफ़ाइल देहव्यापार और आतंकवादियों से भी जुड़े हुये मिल जायेंगे ।
उत्तर देने के जमाने रहे नहीं।
जवाब देंहटाएंप्रश्न नये चाहिये अब पुराने नहीं।
बहुत गंभीर समस्या- सामने लाकर इसका समाधान होना बहुत आवश्यक है.
जवाब देंहटाएं@ सुशील कुमार जोशी जी! प्रश्न भी हमें उठाने हैं और उत्तर भी हमें ही खोजने हैं । राजा जब निष्क्रिय तो प्रजा को सक्रिय होना पड़ता है ।
जवाब देंहटाएं@ प्रतिभा सक्सेना जी ! पत्रकार बीच-बीच में ऐसी ख़बरें प्रकाशित करते रहते हैं, यदाकदा पुलिस भी पकड़-धकड़ करती रहती है किंतु यह अभी तक जन आंदोलन नहीं बन सका । समाज को ही उठकर खड़ा होना होगा ...सरकारों को बाध्य करने के लिए । नई पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा एक बहुत गंदे नाले में समाता जा रहा है ।