गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

एक और चीनी वायरस...

फ़ेफड़ों पर हमला करने वाले चीनी कोरोना वायरस के बाद अब मस्तिष्क की तंत्रिकाओं पर हमला करने वाले चीनी सीक्यू वायरस ने भी भारत में दस्तक दे दी है ।  

छिप कर हमला करने और दुश्मन के सचेत होते ही भाग जाने वाली निकृष्ट युद्धकला को गुरिल्ला युद्ध कहते हैं जिसका जन्मदाता देश चीन है । एशिया में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए चीन ने अब विषाणु युद्ध का सहारा लिया है जो गुरिल्ला युद्ध से भी अधिक निकृष्ट और क्रूर तरीका है । बायो-वीपन मनुष्य सभ्यता को व्यापक रूप से समाप्त करने का एक ऐसा उपाय है जिसमें किसी देश की जनसंख्या को समाप्त करने और वहाँ की अर्थव्यवस्था को कुचल देने की कुचेष्टा की जाती है । कोरोना वायरस इसका सबसे ताजा उदाहरण है जिसने पूरी दुनिया की अर्थव्यव्स्था को उलट-पुलट कर रख दिया है ।

कोरोना वायरस के बाद अब चीन से आये Cat Que Virus नाम के एक और घातक वायरस ने वियतनाम और भारत में दस्तक दे दी है । भारत में यह नया चीनी वायरस मच्छरों में जबकि वियतनाम में सुअरों में पाया गया है । सुअर इसका प्राथमिक स्रोत है और मच्छर सेकेण्ड्री । सुअर और मनुष्य के बीच इस वायरस के संवहन का काम मच्छर की कुछ प्रजातियों का है । पूना की सीरोलॉज़िकल लैब में जून 2020 में एक जाँच के अनंतर रक्त के 883 नमूनों में से दो लोगों के सीरम में इस वायरस के प्रति एण्टीबॉडीज़ की उपस्थिति के प्रमाण मिले हैं । मनुष्य के सीरम में सीक्यू वायरस के एण्टीबॉडीज़ की उपस्थिति हमें एक्व्यार्ड इम्म्यूनिटी के प्रति आश्वस्त करती है किंतु यदि किसी व्यक्ति को कोरोना और सीक्यू वायरस का एक साथ संक्रमण हो तो स्थिति गम्भीर हो सकती है । अभी हमें यह नहीं मालुम है कि इन दोनों वायरसों में आपसी जुगलबंदी है या नहीं, है तो इसने अभी तक कितना कहर ढाया है । मच्छर के काटने से फैलने वाला कैट क्यू वायरस तीव्र ज्वर, मेनिन्ज़ाइटिस और पीडियाट्रिक इनसेफ़ेलाइटिस के लिए उत्तरदायी हो सकता है ।

यानी चीन कैट क्यू वायरस से अपने शत्रुओं पर हमला करने के लिए मच्छरों को प्रक्षेपास्त्र की तरह स्तेमाल कर रहा है । अब हमें मच्छरों से और भी सावधान रहने की आवश्यकता है, विशेष तौर से क्यूलेक्स प्रजाति से । एडिस इज़िप्टी  सामान्यतः डेंगू, चिकनगुनिया, ज़ीका फ़ीवर, मायारो और पीला बुख़ार के लिए; क्यूलेक्स क्वीनक्वेफ़ासियाटस सामान्यतः मलेरिया, सेण्ट लुइस इनसेफ़ेलाइटिस, ज़ीका,और वेस्ट नील के लिए जबकि क्यूलेक्स ट्राइटीनियोरिंकस नामक मच्छर जापानी इनसिफ़ेलाइटिस के लिए कुख्यात हैं । मच्छरों की तीनों ही प्रजातियाँ भारत में पायी जाती हैं और सीक्यू वायरस की संवाहक हैं ।

और अंत में खरी बात यह कि रोग तो बहुत हैं हम किस-किस से कहाँ तक लड़ेंगे, सबसे उत्तम उपाय है रोग के कारणों से बचाव ।        


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