उठाकर
अपना सिर
देखता
है एक बच्चा
आसमान
में उड़ते युद्धक विमान ।
भर जाता
है गर्व से
भूख से
बिलबिलाता छोटा सा बच्चा
सोचता
है
कर ली
है कितनी तरक्की
उसके
मुल्क ने!
होते ही
विमान के ओझल
वह फिर
माँगने लगता है
भीख
फैलाकर
अपने नन्हें हाथ
दे दाता
के नाम तुझको अल्ला रक्खे...।
युद्ध
जिस दिन
होगा
मर
जायेगा यह बच्चा
उड़
जायेंगे हवा में
ज़िस्म
के कतरे कतरे
किसी
क्लस्टर बम के गिरने से ।
मर
जायेंगे
बहुत से
सैनिक
बहुत से
परिंदे,
रहेंगे
जीवित
केवल वे
जिन्होंने
शुरू की थी जंग ।
बैठेंगे
फिर
एक ही
टेबल पर
करेंगे
एक
समझौता वार्ता
और फिर
करेंगे हुक़ूमत
अपनी-अपनी
रियाया पर ।
2-
महासंहारक
हथियारों के
इस
ज़ख़ीरे पर
इतराते
समय
कितने
बेशर्म
और
ग़ुस्ताख़ हो जाया करते हो तुम
धूर्त!
मेरे
ख़ून-पसीने की ताक़त को
कितनी
चतुरायी से
छिपा
लिया है तुमने
इस
ज़ख़ीरे के भीतर ।
वाह
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
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