हिमालय के
साधुओं में शिवबूटी के नाम से प्रसिद्ध भाँग और उसके अन्य उत्पादों, यथा –
गाँजा, चरस और तेल आदि को पश्चिम के कई देशों में औषधीय
उपयोग के लिये मेडिकल लायसेंस दिया जाता है । कैंसर की कीमोथेरेपी के बाद होने
वाले कष्टदायक साइड इफ़ेक्ट्स पर विजय पाने के लिये विजया (मेडिकल मारीज़ुआना) से
उत्तम औषधि और क्या हो सकती है! कैंसर ही नहीं तंत्रिका तंत्र के कई असाध्य रोगों में
भी मेडिकल मारीज़ुआना के औषधीय उपयोग को श्रेष्ठ पाया गया है ।
भारत के
हिमालयी क्षेत्रों में विजया का पारम्परिक उपयोग ब्लीडिंग, डिस्मिनोरिया,
सीवियर पेनफ़ुल डिलीवरी और प्रीमैच्योर इजेकुलेशन जैसी व्याधियों के लिये
किया जाता रहा है । इधर पिछले कई दशकों से पश्चिमी देशों में भाँग के विभिन्न उत्पादों
पर किये गये शोधों से भाँग के प्रति हमारी श्रद्धा में और भी वृद्धि हुयी है । Migraine,
epilepsy, ADD/ADHD/PTSD, depression, ulcerative colitis, Parkinson’s disease, Alzheimer’s
disease, Huntington’s disease, fetal hypoxia, multiple sclerosis, fibromyalgia, CRPS (complex
regional pain syndrome), Fibromyalgia, endometriosis, interstitial cystitis. Psoriasis,
rheumatoid arthritis, lupus, autism और severe side effects
of Chemotherapy in cases of cancer आदि ऐसी समस्यायें हैं जिनकी चिकित्सा
में संतोषजनक सफलता आज भी एक स्वप्न है । मेडिकल मारीज़ुआना के युक्तियुक्त उपयोग से
इन व्याधियों की चिकित्सा में पश्चिमी देशों को उल्लेखनीय सफलतायें मिल रही हैं,
वहाँ के शोधकर्ताओं के अनुसार –“Medical marijuana helps in
reducing the pain and side effects caused by treatment of cancer and hepatitis
–C”.
American
Alliance for medical Cannabis ने मेडिकल मारीज़ुआना के प्रयोग से Blood
sugar एवं blood
pressure को नियंत्रित करने और Blood circulation को improve करने में भी सफलता पाने का उल्लेख किया है
। मेडिकल मारीज़ुआना से इंसूलिन के स्राव और मोटापे पर भी नियंत्रण पाये जाने की रिपोर्ट्स
हैं । शरीर के अनियंत्रित भार को कम करने में इसके उपयोग से कौन परिचित नहीं है!
इज़्रेल के
तेल अवीव में स्थित Bone
research laboratory ने मारीज़ुआना को बोन फ़्रैक्चर की चिकित्सा में उपयोगी
पाया है – “It also helps strengthen the bone in the process of healing”.
मेडिकल मारीज़ुआना
बढ़े हुये इंट्रा-ऑक्युलर प्रेशर को कुछ् समय के लिये कम कर देता है जिसके कारण इसका
एक लाक्षणिक उपयोग ग्लाओकोमा में भी है – “It reduces IOP and so gives temporary relief
in glaucoma”.
Alzheimer’s
disease जैसी cognitive degeneration की
स्थिति में Endocannabinoids के न्यूरोप्रोटेक्टिव महत्व से
हम सभी परिचित हैं । मारीज़ुआना में पाये जाने वाले THC और CBD
के एक बेहतर अनुपात में उपयोग से इम्यून रिस्पॉन्स में भी वृद्धि देखी
गयी है ।
कुछ लोगों
के अनुसार – “कॉग्नीटिव फ़ंक्शन्स के लिये शरीर में Endocannabinoids की उपलब्धता को मेडीटेशन द्वारा नियंत्रित किया जा सकना सम्भव है”।
क्या इतने
सारे अद्भुत गुणों के कारण ही भाँग का दूसरा नाम विजया पड़ गया! गोरखपुर वाले ओझा जी
मानते हैं कि – “मेडिकल मारीज़ुआना के सदुपयोग और उसकी वैधानिकता पर गम्भीर मंथन किये
जाने की आवश्यकता है”।
बहुत बढ़िया जानकारी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
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