रविवार, 14 मार्च 2021

पैराडॉक्स

 हमारे पास

ज्ञान था

विज्ञान था

दर्शन था

अध्यात्म था

चिंतन था

त्याग था

इनमें से कुछ भी नहीं था

ज़िंघेज ख़ान और मोहम्मद-बिन-क़ासिम के पास

उन्होंने बलात्कार किया हमारे साथ

और उतार कर हमारी खालें

भर दिया उनमें भूसा

उन्होंने ठोंक दीं कीलें

हमारे भेजों में

और छीन ली हमसे

हमारी धरती

हमारा धर्म

हमारा चिंतन

अब

हमारे पास कुछ भी नहीं है

हमने तैयार कर लिया है स्वयं को

पैरालाइज़्ड होते रहने के लिये

अगली कई शताब्दियों तक । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.