बुधवार, 1 मई 2024

कोविड वैक्सीन और हृदयरोग

     एंटीकोविड वैक्सीन कोवीशील्ड और बाबा रामदेव की इम्युनिटी बूस्टर कोरोनिल औषधि पर वैज्ञानिकों को बिना किसी पूर्वाग्रह के गम्भीर चिंतन की आवश्यकता है। कोरोनिल को लेकर शीर्ष न्यायालय के निर्णय कुछ भी हों (न्यायालय वैज्ञानिक नहीं है) किंतु अब कोरोनिल के घटक द्रव्यों पर क्लीनिकल ट्रायल होने ही चाहिये जिससे बाबा ऑस्टिन जयलाल को यह पता लग सके कि कोरोनिल स्वास्थ्य के लिये कितनी हानिकारजक या लाभदायक है।   

कई वर्षों के बाद एस्ट्रा जेनिका निर्मित कोवीशील्ड से होने वाले घातक कॉम्प्लीकेशंस एक बार फिर चर्चा में हैं। वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी पढ़ने के बाद मैं अपने छात्र जीवन से ही सैद्धांतिकरूप से वायरसजन्य इन्ड्यूस्ड इम्यूनाइजेशन के पक्ष में नहीं रहा हूँ। यहाँ यह बताना आवश्यक है कि अठारहवीं शताब्दी में जिस समय योरोप में मलेरिया मृत्यु का पर्याय बन चुका था तब भारत में भिंड और बनारस के ब्राह्मण घूम-घूमकर देश भर में इम्यूनाइजेशन किया करते थे जो एक तरह से वैक्सीनेशन का ही तत्कालीन स्वरूप था । भारत की ब्रिटिश सरकार के अधिकारी इस वैक्सीनेशन के विरोधी थे किंतु बाद में उन्होंने इसकी प्रशंसा की और यह जानकारी ब्रिटेन तक पहुँचायी।  

  मैं ही नहीं, विश्वस्तर के कई वैज्ञानिक भी वैक्सीन के मुखर विरोधी रहे हैं । हम इस विषय में फिर कभी चर्चा करेंगे, अभी तो अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के उस एक्ट की बात करते हैं जिसे FALCPA (Food Allergen Labeling and Consumer Protection Act of 2004) के नाम से जाना जाता है । अमेरिका में centre for food safety and applied nutrition जैसी खाद्य सुरक्षा एवं पोषण को लेकर कई संस्थायें बहुत सजग हैं जिनकी रिपोर्ट के आधार पर कुछ खाद्य-पेय पदार्थों को हानिकारक चिन्हित किया गया है । इसके कारणों पर भी विस्तृत चर्चा की जानी चाहिये, फ़िलहाल उन चौदह खाद्य पदार्थों के नाम जान लेना आवश्यक है जिनके सेवन से हमारे शरीर में गम्भीर प्रकार की अनूर्जता (एलर्जी) उत्पन्न हो सकती है । ये खाद्य पदार्थ हैं –

1-    Cereals containing gluten – जिनमें गेहूँ, जौं, राई और ओट्स सम्मिलित हैं ।  

2-    Crustaceans – जिनमें केकड़ा, झींगा और झींगा-मछली सम्मिलित हैं ।

3-    Eggs – अंडा (जिसे “संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे” के नारे के साथ बच्चों को खाने के लिए प्रेरित किया जाता रहा है)। 

4-    Fish – मछली जो दुनिया भर में मुख्य मांसाहार माना जाता है।

5-    Peanuts – मूँगफली (बच्चे जिसके दीवाने रहते हैं)। 

6-    Soybeans – सोयाबीन (जिसकी बड़ी से लेकर तेल, दूध और मिठाइयाँ तक बनाई जाती हैं)।

7-    Milk – दूध (भारत में अधिक दूध उत्पादन के लिये श्रीमान् कूरियन की श्वेतक्रांति प्रसिद्ध रही है)।

8-    nuts – सूखे मेवे (almonds, hazelnuts, walnuts, cashews, pecan nuts, brazil nuts, pistachio nuts)

9-    Celery – अजवायन (भारतीय रसोयी का लोकप्रिय मसाला)।  

10- Mustard – (सरसों/ राई)

11- Sesame seeds – (तिल के तेल से लेकर न जाने कितने व्यंजन भारत में लोकप्रिय हैं)

12- Sulpherdioxide and sulphates (at concentration of more than 10 mg /kg or 10 mg/L in terms of total sulpherdioxide) used as a preservative.  

 

इन सभी खाद्य पदार्थों और खाद्य संरक्षकों के गम्भीर साइड-इफ़ेक्ट्स अब सर्व विदित हो चुके हैं । कोवीशील्ड को लेकर चिंतित होने वाली लॉबी को इन खाद्य पदार्थों के लिए भी चिंतित होने की आवश्यकता क्यों नहीं होती है? एक समस्या और भी है, गेहूँ, जौं, सोयाबीन, मूँगफली, तिल, सूखे मेवे, सरसों, अजवायन और दूध जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन छोड़ भी दिया जाय तो फिर खाने के लिए बचता ही क्या है?

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