धम धमक धूम, धम धमक धूम
गाँजे
का शौक़ पड़ा महँगा
दशकों
से जो छिपे रहे, अब राज हो रहे ज़ूम-ज़ूम ।
चिखला-चिखला
हर ओर हुआ
फिर चरस
आज बदनाम हुआ
चोरी है
सीना जोरी है, नेता अभिनेता बूम-बूम ।
अब तक
क्यों चुपचाप रहे
क्यों पकड़ा-धकड़ी
का है मंचन
था जाल
बुना सबने मिलकर, फिर पाला-पोसा चूम-चूम ।
है जाल
बहुत लम्बा-चौड़ा
हाथों
में सबके एक छोर
किसको
पकड़ूँ किसको छोड़ूँ, हर हाथ उठेगा घूम-घूम ।
देता है
कौन किसे अपनी
चाँदी
की थाली बता मुझे
बढ़िया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
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