मेरा कोई दायित्व नहीं, सब कुछ मोदी करे
विचित्र
बात है, आपके बच्चे यूक्रेन में पढ़ रहे हैं, आपकी कोई
ज़िम्मेदारी क्यों नहीं है? आप यूक्रेन की बात मानते रहे
किंतु अपने विवेक से इतना नहीं सोच सके कि जब युद्ध की आशंकायें हों तो प्रवासियों
को सबसे पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिये । समय रहते अपने बच्चों को
यूक्रेन से वापस लाने के लिये आपको किसने रोका था ? मेडिकल
की पढ़ायी कर रहे प्रवासी छात्र परिस्थितियों को देखकर भी यदि पहले से कोई अनुमान
नहीं कर सके तो वे किसी रोगी को देखकर उसकी डायग्नोसिसऔर प्रॉग्नोसिस कैसे कर
सकेंगे? हर बात के लिये सरकार को उत्तरदायी ठहराने की
प्रवृत्ति मानसिक पक्षाघात को आमंत्रित करती है । छोड़ो बाबू ! डॉक्टरी आपके बस की
नहीं । कल आपके पास कोई इनफ़र्टिलिटी का केस आयेगा तब उसके लिये भी तुम मोदी का ही
मुँह ताकते रहोगे ।
विघ्नसंतोषियों
का तर्क है कि प्रवासी छात्रों को वापस लाकर “फेकूमोदी” कोई अहसान नहीं कर रहा, दुनिया
भर की सरकारों ने बहुत पहले ही अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाल लिया था ।
अतिबुद्धिमान कुतार्किक जी! फिर पाकिस्तानी और अमेरिकी छात्र वहाँ क्या कर रहे हैं
अभी तक? भारतीय तिरंगा लेकर यूक्रेन से रोमानिया पहुँचे
पाकिस्तानी छात्रों को वहाँ से आगे क्यों नहीं ले गयी इमरान सरकार? माना कि मोदी संगठित अपराधियों का दुश्मन है, किंतु
अच्छे कार्यों के लिये दुश्मन की भी प्रशंसा की जानी चाहिये अन्यथा फिर आप अपने
ऊपर लगे राष्ट्र्द्रोही के ठप्पे से कभी मुक्त नहीं हो सकेंगे ।
कुछ लोगों को कहीं अच्छाई दिखती ही नहीं है ... क्या करें ?
जवाब देंहटाएंयह विरोध मोदी का नहीं सनातनधर्म और हिंदुत्व का है जिसके लिये विश्व भर की असुर शक्तियाँ संगठित हो चुकी हैं । हमें किसी व्यक्तित से कोई मतलब नहीं, उस विचारधारा से मतलब है जो हमारे अस्तित्व के लिये अनिवार्य है ।
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