शनिवार, 11 सितंबर 2021

हिंदूधर्म के विरुद्ध धर्मनिरपेक्षी जमावड़ा

“Dismantlg Global Hindutva” यानी हिंदुत्व उच्छेदन (उखाड़ फेकने) के लिये तीन दिवसीय (10, 11, 12 सितम्बर 2021) ऑन लाइन विश्वस्तरीय सेमिनार का आयोजन कल से प्रारम्भ होने जा रहा है । हिंदू-धर्म के विरुद्ध धर्मनिरपेक्ष विद्वानों के जमावड़े में सर्वाधिक संख्या भारतीयों की है जो हमेशा हिंदुत्व के विरोध और अन्य धर्मों के समर्थन में खड़े दिखायी देते हैं । पैंतालीस से अधिक विश्वविद्यालयों के साठ से अधिक विभागों के सहयोग से आयोजित इस विद्वत्सभा (सेमिनार) में पच्चीस से अधिक वक्ता हिंदू धर्म को विश्व से उखाड़ फेकने के लिये आग उगलेंगे । वक्ताओं की सुरक्षा का हवाला देते हुये मीना कण्डासामी के अतिरिक्त अन्य वक्ताओं के नाम अंतिम समय तक के लिये गोपनीय रखे गये हैं । यानी हिंदुत्व पर आग बरसाने वाले विनम्र लोग दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि मीना कण्डासामी के अतिरिक्त अन्य वक्ताओं की जान को हिंदुओं से ख़तरा है इसलिये हिंदुत्व को दुनिया से उखाड़ फेकना ही एकमात्र उपाय है । विद्वानों की मासूम सी ग़ुस्ताख़ी यह भी है कि वे धार्मिक विद्वेष फैलाने वाले एक विश्वस्तरीय षडयंत्र को “Seminar” और “Scholarly conference” जैसे पवित्र शब्दों से सम्बोधित कर रहे हैं । हम इस मासूम सी ग़ुस्ताख़ी को “दुस्साहस” या “शाब्दिक बलात्कार” जैसे शब्दों से सम्बोधित नहीं करेंगे ।  

हिंदूधर्म के विरुद्ध अग्निवर्षा करने वाली विद्वत्सभा को सहयोग करने वाले विश्वविद्यालयों में Cornell and Northwestern university, UC Berkley, U. Chicago, Columbia, Harvard, Princeton, Stanford और New York U जैसे ख्यातिनाम विश्वविद्यालयों के नाम बताये जा रहे हैं । बताया गया है कि यह एक “global scholarly conference” होगी जिसमें हिदुत्व के संदर्भ में gender, economics, political science, caste, religion, healthcare एवं media जैसे विषयों के अतिरिक्त militant Hindu groups, violence against religious minorities and other marginalized caste and tribal communities, citizenship amendment Act- 2019, erosion of democratic practices and freedoms in India जैसे विद्वेषकारी विषयों पर भी हिंदुत्व के उस दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखा जायेगा जो वक्ताओं की बुद्धि की उपज है और जिसका सत्य से कोई सम्बंध नहीं है । ये विद्वानवक्ता हिंदुत्व को एक जटिल, उलझा हुआ और बहुरूपिया मानते हैं – “…complex and multi-faceted phenomenon of Hindutva.”

अमेरिकी सीनेट के एक सीनेटर “नीरज एंटनी” ने इस विद्वत्सभा का विरोध करते हुये इसे हिंदुत्व की छवि बिगाड़ने और धार्मिक विद्वेष फैलाने वाला बताया है । भारत में तो नहीं किंतु अमेरिका की सड़कों पर उतरकर अमरीकी हिंदुओं ने इस सभा का विरोध करना शुरू कर दिया है । ओहियो स्टेट सीनेटर नीरज अंटनी ने कहा - “this conference represents a disgusting attack on Hindutva across the united states, and we must all condemn this as nothing more than a racism and bigotry against Hindus. I will always stand strong against Hindu phobia”



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणियाँ हैं तो विमर्श है ...विमर्श है तो परिमार्जन का मार्ग प्रशस्त है .........परिमार्जन है तो उत्कृष्टता है .....और इसी में तो लेखन की सार्थकता है.