शुक्रवार, 17 जून 2022

अग्निवीर का अग्निकाण्ड

            रेल गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले इन युवकों की आँखों में देश की सुरक्षा का सपना है। वे सैनिक बनना चाहते हैं और देश में आग लगा रहे हैं, बिना यह समझे हुये कि अग्निवीर योजना है क्या! क्या आपको पता है कि ---

1-    पहली बात यह कि सेना कोई नौकरी नहीं एक जुनून है जिसका मूल्यांकन पैसों से नहीं किया जा सकता। सेना को दिया जाने वाला वेतन उनकी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए होता है, यह उनकी अमूल्य सेवाओं की कीमत नहीं है।   

2-    अग्निवीरों की सेवाओं को सरकारी नौकरी की तरह न लेकर “सरकारी नौकरियों की सवैतनिक प्रारम्भिक तैयारी” के रूप में लिया जाना चाहिए।

3-    जो लोग मानते हैं कि सेना के साथ प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए उन्हें यूक्रेन और इज़्रेल से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। जहाँ तक जवानों के तकनीकी प्रशिक्षण की बात है तो आपको मध्ययुगीन युद्धों में सम्मिलित होने वाले उन सैनिकों को भी याद करना होगा जो शांति के समय अपने-अपने घरों में अपने पारम्परिक व्यवसाय किया करते थे और युद्ध के समय सेना में सम्मिलित हो जाया करते थे। उन्हीं सैनिकों के बल पर दुनिया के देशों की सीमाएँ न जाने कितनी बार बनती और मिटती रही हैं।

4-    अब बात आती है सेना की गोनीयता की, तो इस बात की क्या गारंटी कि 15-20 साल की सेवा के दौरान कोई विश्वासघाती गोपनीयता भंग नहीं करेगा केवल चार साल के दौरान ही विश्वासघात करेगा!

5-    सेना में चार साल की सेवा आपके जीवन का अंत नहीं है, चार साल के बाद आपकी अधिकतम आयु होगी 25 वर्ष। उसके बाद आपके लिए वे सारे रास्ते खुले हैं जो अन्य सामान्य लोगों के लिए खुले हुये हैं। इज़्रेली युवक-युवती भी सेना में तीन साल की सेवाओं के बाद विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं। सेना में चार साल की सेवाओं के बाद अन्य विभागों की सेवाओं में आपको प्राथमिकता दी जायेगी और उनमें आपका प्रवेश अपेक्षाकृत सरल होने वाला है।

6-    अग्निवीरों की भर्ती हर साल होगी और उनमें से उपयुक्त पाये गये 25 प्रतिशत लोगों को सेना में स्थायी सेवाओं के लिए रखा जाएगा। आप इसे यूँ समझिए, जो छात्र इंजीनियरिंग में प्रवेश नहीं ले पाते उन्हें सरलता से पॉलीटिक्निक में लेटरल प्रवेश मिल जाता है साथ ही योग्य छात्रों को इंजीनियरिंग में सीधे दूसरे साल में प्रवेश की पात्रता होती है। क्या यह लेटरल प्रवेश प्रक्रिया आपको अपेक्षाकृत अधिक और सरल अवसर उपलब्ध नहीं करवाती!  

7-    इज़्रेल में तीन साल के लिए हर युवक-युवती को सेना में सेवाएँ देना अनिवार्य है। भारत सरकार चार साल के लिए आपकी सेवाएँ सेना में लेना चाहती है। क्या आपने सोचा कि तीन साल के बाद इज़्रेली युवक-युवतियाँ क्या करते हैं! क्या उनके घुटने टूट जाते हैं! क्या उनका जीवन तबाह हो जाता है!

8-    यूक्रेन युद्ध के समय जब नाटो देशों ने यूक्रेन को अपने सैनिक देने से मना कर दिया तब युद्ध के दौरान ही सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ-साथ सामान्य नागरिकों से भी सेना में भर्ती होने का आह्वान किया गया। सामान्य नागरिकों को हथियार चलाना सिखाया गया और अब देश की रक्षा में उनकी सेवाएँ ली जा रही हैं। यह सब युद्ध के बीच में हुआ, उन्हें परम्परागत प्रशिक्षण देने का समय ही नहीं था किंतु देश को सैनिकों की आवश्यकता थी। वही यूक्रेन शक्तिशाली रूस से अभी तक टक्कर ले रहा है।

9-    शासकीय कार्यालयों में हमारी बहुत बड़ी समस्या कार्यसंस्कृति का अभाव है जिसके कारण सरकारी संस्थाएँ पंगु होती जा रही हैं। सेना में चार साल के लिए युवकों की सेवाओं के दौरान उनमें उस कार्यसंस्कृति का बीजारोपण होगा जिसकी इस देश को बहुत आवश्यकता है और जिसके अभाव के कारण ही शासकीय संस्थाएँ अपेक्षित परिणाम दे सकने में असफल होती रही हैं और देश के विकास में गम्भीर प्रकृति की बाधाएँ उत्पन्न होती रही हैं। यही कारण है कि लालफीताशाही और कार्यालयीन भ्रष्टाचार को कोई भी सरकार समाप्त नहीं कर पा रही है।           

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