सेवार्थ –
माननीय गृहमंत्री
भारत सरकार, नई दिल्ली
विषय – निरंकुश, अराजक एवं अलगाववादी तत्वों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के औचित्य के सम्बंध में निवेदन।
माननीय महोदय!
सादर निवेदन है कि भारत के
सर्वाङ्गीण विकास के निमित्त विभिन्न स्रोतों से संग्रहित की जाने वाली धनराशि का
एक बड़ा हिस्सा निरंकुश, अराजक
एवं अलगाववादी तत्वों के लिए भी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाना देश
की प्रगति में बाधक बना हुआ है। राष्ट्रीय विकास में ऐसे तत्वों का योगदान शून्य
है। दूसरी ओर विभिन्न शासकीय सुविधाओं को प्राप्त करने वाले ये तत्व भारत के
विभाजन के लिए हिंसा एवं अराजकता के माध्यम से बहुसंख्य करदाताओं की तथा सार्वजनिक
हित की न केवल सम्पत्ति को नष्ट करते हैं बल्कि निर्दोषों की हत्याएँ भी करते हैं।
इस तरह के लोगों की एक बड़ी संख्या देश की अखण्डता और सम्प्रभुता के लिए एक बहुत
बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हो गयी है। भारत के बहुसंख्य लोग इन लोगों द्वारा फैलायी गयी
दहशत में जीने के लिए बाध्य हैं। स्वतंत्रता के बाद भी भारत पर सांस्कृतिक आक्रमण
कर रही धर्मोन्मादी शक्तियों से भारत के बहुसंख्यक एवं राष्ट्रवादी लोग भयभीत हैं।
हाल ही में विभिन्न धर्मगुरुओं द्वारा सनातनियों के आराध्यों के सम्बंध में अश्लील
बातों के दुष्प्रचार की घटनाओं में तीव्रता से वृद्धि देखी गयी है जिससे भारतीय
संस्कृति और सभ्यता पर गहरा संकट छा गया है और सामाजिक विद्वेष एवं साम्प्रदायिक
ध्रुवीकरण में अप्रत्याशित वृद्धि हुयी है जो अत्यंत चिंता का विषय है। हमारा
माननीय महोदय से विनम्र अनुरोध है कि –
1-निरंकुश,
अलगाववादी,
साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने वाले
और सांस्कृतिक आक्रमण करने वाले भारतीयों के साथ-साथ विदेशी मूल के अवैध
घुसपैठियों के कल्याणार्थ अनाज, स्वास्थ्य
एवं स्वावलम्बन आदि विभिन्न शासकीय योजनाओं पर व्यय की जाने धनराशि पर सदा के लिए
रोक लगायी जाय एवं उनके पासपोर्ट सदा के लिए रद्द किए जाएँ।
2-बिंदु क्रमांक 1. में
उल्लेखित ऐसे लोगों को मताधिकार से वंचित किया जाय एवं उनके उन स्रोतों पर पूरी
तरह प्रतिबंध लगाया जाय जहाँ धर्म के नाम पर धार्मिक विद्वेष की शिक्षा दी जाती है
एवं उन्हें हिंसा एवं अन्य अपराधों के लिए तैयार किया जाता है।
3-भारत के बहुसंख्य लोगों की
सुरक्षा के लिए संकट बन चुके अलगाववादी नेताओं को दी जाने वाली सभी तरह की
सुविधाओं एवं सुरक्षा से तत्काल वंचित किया जाय जिससे उन पर व्यय होने वाली भारी
भरकम राशि का उपयोग देश की सुरक्षा एवं विकास की योजनाओं के लिए किया जा सके।
4-जाति-धर्म-सम्प्रदाय से
परे उन सभी निरंकुश तत्वों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय जो सोशल मीडिया में
आपत्तिजनक वीडियो अपलोड कर देश, समाज
एवं संस्कृति को क्षति पहुँचाने के लिए विषवमन करते हैं;
भारत की संस्कृति,
सभ्यता और भारतीय जीवनमूल्यों पर
अमर्यादित टिप्पणियाँ करते हैं, उत्तेजक
वार्ताएँ कर देश की अखण्डता को चुनौतियाँ देते हैं,
हिन्दुओं को मिटा देने का आह्वान
करते हैं, सामूहिक
यौनदुष्कर्म और हत्या करने की धमकियाँ देते हैं और ऐसे कार्यों में संलिप्त होते
हैं।
5-धार्मिक संस्थाओं को
प्राप्त होने वाले दान की राशि उसी धर्म के लोगों के कल्याणार्थ व्यय की जाय,
अन्य धार्मिक समुदाय के लोगों पर
कदापि नहीं।
6-राज्य सरकारों द्वारा
धर्मगुरुओं को दिए जाने वाले वेतन या मानधन पर तत्काल रोक लगायी जाय,
धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म विशेष को
इस तरह संरक्षण देना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है।
7-कश्मीरी पंडितों की
हत्याओं को रोकने हेतु तत्काल कड़े कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर में उनकी सुरक्षा
सुरक्षित की जाय जिससे भारत भर में धार्मिक हिंसा रोकने का शुभ संदेश प्रसारित हो
सके।
8-पालघर में मारे गये संतों
के हत्यारों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय।
9-घर वापसी करने वाले सभी
लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाय जिससे वे निर्भय होकर जीवनयापन कर सकें।
हम आशा करते हैं कि उपर्युक्त बिंदुओं पर गम्भीरतापूर्वक कार्यवाही कर देश की संस्कृति और अखण्डता को सुरक्षित करने के संतोषजनक उपाय किए जाएँगे। धन्यवाद!
निवेदक
भारत के नागरिक
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